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एशेज सीरीज के साथ ही टेस्ट क्रिकेट में आएगा एक बड़ा बदलाव

1 अगस्त से इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया के बीच एजबेस्टन में एशेज सीरीज का आगाज होगा

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1 अगस्त से इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया के बीच शुरू हो रही एशेज सीरीज के साथ ही टेस्ट क्रिकेट में कुछ खास बदलाव लागू होने वाले हैं. इस सीरीज के साथ ही आईसीसी की वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप का आगाज होगा. 2 साल तक चलने वाली इस चैंपियनशिप का समापन 2021 में होगा.

लेकिन टेस्ट मैच की ओर दर्शकों का ध्यान और ज्यादा खींचने के लिए एक खास बदलाव इस एशेज सीरीज के साथ लागू होने जा रहा है.

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अगर टेस्ट मैच के दौरान खिलाड़ियों को पहचानने में परेशानी होती है, तो ये अब दूर होने वाला है. अब तक क्रिकेटरों की सिर्फ वनडे और टी-20 जर्सी पर ही नाम और नंबर होते थे, लेकिन अब टेस्ट मैच की सफेद जर्सी पर भी वनडे-टी20 का ये रंग पड़ने जा रहा है.

एशेज सीरीज के साथ ही टेस्ट मैचों में भी क्रिकेटरों की सफेद जर्सी पर उनके नाम और नंबर लिखे होंगे. अभी तक ये सिर्फ इंग्लैंड के काउंटी क्रिकेट और ऑस्ट्रेलिया के घरेलू क्रिकेट शेफील्ड शील्ड में ही लागू होता था.

आईसीसी ने मार्च 2019 में ही इस बदलाव के लिए मंजूरी दी थी. तब आईसीसी की जनरल मैनेजर क्लैयर फर्लोंग ने इस बारे में जानकारी दी थी.

“हां, ये एक अगस्त से वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप के साथ शुरू हो रहा है. ये टेस्ट क्रिकेट को प्रमोट करने के बड़े प्लान का ही हिस्सा है.”
क्लैयर फर्लोंग

इंग्लैंड क्रिकेट बोर्ड ने सोमवार 22 जुलाई को अपनी जर्सी लॉन्च की, जिसमें टेस्ट टीम के कप्तान जो रूट अपनी नई जर्सी दिखा रहे थे. इसमें जो रूट का नाम और उनकी वनडे जर्सी का ही नंबर ‘66’ लिखा हुआ था.

इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया के बीच 1 अगस्त को बर्मिंघम के एजबेस्टन में एशेज सीरीज का पहला टेस्ट होगा. जबकि पांचवा और आखिरी टेस्ट 12 सितंबर से लंदन के ओवल स्टेडियम में खेला जाएगा.

भारतीय टीम वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप के तहत अपना पहला टेस्ट 22 अगस्त को एंटीगुआ में वेस्टइंडीज के खिलाफ खेलेगी. इसी टेस्ट के साथ भारतीय टीम भी पहली बार नाम और नंबर लिखी हुई टेस्ट जर्सी के साथ उतरेगी.

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इसके अलावा 1 अगस्त से ही क्रिकेट के सभी फॉर्मेट में एक और नियम लागू होने जा रहा है. अगर मैच के दौरान किसी खिलाड़ी के सिर में चोट लगती है, तो प्रभावित टीम उस खिलाड़ी के बदले दूसरे खिलाड़ी को बतौर सब्स्टीट्यूट उतार सकती है और फिर पूरे मैच में वो ही खिलाड़ी खेलेगा.

हालांकि, चोटिल खिलाड़ी जिस रोल में टीम में है, उसी रोल वाले खिलाड़ी को सब्स्टीट्यूट के तौर पर उतारा जाएगा. यानी बल्लेबाज के बदले बल्लेबाज ही उतारा जा सकता है, गेंदबाज नहीं. इसके साथ ही खिलाड़ी को बदलने के लिए मैच रेफरी की भी इजाजत लेनी होगी.

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