शार्दुल ठाकुर और वॉशिंगटन सुंदर ने यहां के गाबा इंटरनेशनल स्टेडियम में ऑस्ट्रेलिया के साथ जारी चौथे और अंतिम टेस्ट मैच के तीसरे दिन रविवार को सातवें विकेट के लिए 123 रनों की साझेदारी करके ऑस्ट्रेलिया को बड़ी बढ़त लेने से रोक दिया. ठाकुर (67) और सुंदर (62) के बीच सातवें विकेट के लिए हुई शतकीय और बहुमूल्य साझेदारी के दम पर भारतीय क्रिकेट टीम ने यहां अपनी पहली पारी में 336 रन का स्कोर बनाया.
ठाकुर ने मैच के बाद कहा, "वे मेरे साथ बातचीत करने की कोशिश कर रहे थे, लेकिन मैं उनको जवाब नहीं दे रहा था. एक या दो बार मैंने उन्हें एक शब्द में जवाब दिया. यहां तक कि उन्होंने मेरे उपर छींटाकाशी करने की भी कोशिश की, लेकिन मैंने उसे नजर अंदाज कर दिया और अपना खेल जारी रखा."
ठाकुर ने 115 गेंदों पर नौ चौके और दो छक्के लगाए. सुंदर ने 144 गेंदों पर सात चौके और एक छक्का लगाया.
हम जानते थे कि ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाज तक रहें हैं :शार्दुल ठाकुर
ठाकुर ने कहा, "हम स्कोर बोर्ड की तरफ नहीं देख रहे थे. हमारी योजना विकेट पर कुछ समय बिताने की थी. हम जानते थे कि उनके गेंदबाज थक रहे थे और यह पहले पहले घंटे की बात थी. इसलिए हमारी योजना थी कि अगर हम उनके गेंदबाजों को और थकाते हैं तो हम मैच में बने रहेंगे. इसलिए हमारे लिए यह जरूरी था कि हम उन्हें थकाएं और कमजोर गेंदों का फायदा उठाएं."
ऑस्ट्रेलिया ने इसके जवाब में तीसरे दिन का खेल समाप्त होने तक अपनी दूसरी पारी में बिना किसी नुकसान के 21 रन बना लिए हैं और उसे अब तक 54 रनों की बढ़त हासिल हो चुकी है.
भारत ने ऑस्ट्रेलिया को उसकी पहली पारी में 369 रनों पर समेट दिया था और इस लिहाज से ऑस्ट्रेलिया को पहली पारी में केवल 33 रनों की ही बढ़त मिल पाई.
उन्होंने कहा, "जब हम क्रीज पर नए थे तो हम डिफेंड करने की कोशिश कर रहे थे. जैसे-जैसे हमारी साझेदारी बड़ी होती हो गई तो हमने शॉट खेलना शुरू कर दिया. हमें पता था कि गाबा में उछाल है और अगर गेंदबाज अपनी लाइन और लैंथ से भटकता है तो हम खराब गेंद पर शॉट खेल सकते हैं."
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)