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Rinku Singh:पोछा लगाने की नौकरी से IPL में छाने तक -संघर्षों भरा था रिंकू का सफर

एक समय रिंकू सिंह ने क्रिकेट छोड़ने का भी मन बना लिया था. जानें Rinku Singh का सफर

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कोलकाता नाइट राइडर्स (Kolkata Knight Riders) के रिंकू सिंह (Rinku Singh) ने आखिरी ओवर में लगातार पांच छक्के लगाकर गुजरात टाइटंस (Gujarat Titans) को तीन विकेट से हरा दिया. 09 अप्रैल को आईपीएल (IPL) में गुजरात बनाम कोलकाता के मैच के दौरान हुए इस कारनामे पर बॉलीवुड स्टार्स से लेकर सेलिब्रिटीज तक के होश उड़ गए.

पिछले साल भी आईपीएल में रिंकू सिंह का प्रदर्शन काफी अच्छा रहा है. रिंकू उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ से आते हैं. रिंकू सिंह का सफर चुनौतियों और मुश्किलों से भरपूर रहा है. उन्होंने पोछा लगाने से लेकर पिता के कर्ज चुकाने के लिए कई अन्य काम किये हैं. आइये आपको इनके सफर के बारे में बताते हैं.

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ऐसे शुरू हुआ आईपीएल का सफर 

एक निम्न मध्यम वर्गीय परिवार से आने वाले रिंकू के पिता गैस सिलेंडर देने वाली एक घरेलू गैस एजेंसी के लिए काम करते हैं. अपने पिता को पांच लाख रुपये का कर्ज चुकाने में मदद करने के लिए काम भी किए.

रिंकू के लिए यह इतना कठिन दौर था कि एक समय में उन्होंने क्रिकेट छोड़ने और घरेलू नौकर के रूप में काम करने के बारे में भी सोचा.

12 अक्टूबर 1997 को उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ में जन्मे रिंकू को किंग्स इलेवन पंजाब (अब पंजाब किंग्स) ने 2017 में चुना था. लेकिन उन्हें मौका नहीं मिला. उन्हें 2018 की नीलामी में कोलकाता नाइट राइडर्स ने 80 लाख रुपये में चुना था. वह 2021 तक केकेआर के साथ रहे, घुटने की चोट के कारण आईपीएल से बाहर हो गए थे और बाद में उनकी जगह गुरकीरत सिंह मान ने ले ली थी.

लेकिन उनकी शानदार वर्किंग मोरालिटी, दोस्ताना स्वभाव और किसी भी तरह से टीम में योगदान करने की इच्छा ने फ्रेंचाइजी को उनके लिए रुझान बनाए रखने पर मजबूर किया और केकेआर ने उन्हें बीते साल फरवरी में आईपीएल 2022 के लिए फिर से खरीदा. पिछले साल 2022 में हुए आईपीएल में भी इनका प्रदर्शन काफी बेहतरीन रहा था.

कोचिंग सेंटर में की थी पोछा लगाने की नौकरी

रिंकू सिंह को एक कोचिंग सेंटर में नौकरी मिली थी. कोचिंग सेंटर ने सुबह-सुबह आकर पोछा लगाने की नौकरी दी थी. रिंकू बताते हैं कि मेरे भाई ने ही मुझे यह नौकरी दिलाई थी. मैं ये ज्यादा समय तक नहीं कर पाया और नौकरी छोड़ दी. मैं पढ़ भी नहीं पा रहा था, तो लगा कि अब क्रिकेट पर पूरा ध्यान लगाना चाहिए. मैंने सोच लिया कि क्रिकेट ही मुझे अब आगे ले जा सकता है और मेरे पास कोई दूसरा ऑप्शन नहीं है. उन्होंने अंडर-16, अंडर-19 और अंडर-23 स्तर पर उत्तर प्रदेश और अंडर-19 स्तर पर सेंट्रल जोन में खेला है.

उन्होंने आखिरकार अपने क्रिकेट के साथ बने रहने का फैसला किया, जिसके बाद उन्होंने यूपी रणजी ट्रॉफी टीम में जगह बनाई, और फिर वहां से आईपीएल तक का सफर तय किया.

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