भारत ने एजबेस्टन में बांग्लादेश को हरारकर वर्ल्ड कप सेमीफाइनल में जगह तो बना ली, लेकिन टीम के कप्तान विराट कोहली की मुश्किल में पड़ सकते हैं. मैदान में अपने आक्रामक रवैये के लिए अलग पहचान बना चुके विराट कोहली अक्सर अपने जज्बात दिखाने से नहीं चूकते और इसके चलते कई बार उन्हें मुश्किलों का सामना करना पड़ता है.
कुछ ऐसा ही एजबेस्टन में भी देखने को मिला, जब बांग्लादेश के खिलाफ अंपायर का एक फैसला भारतीय टीम के पक्ष में नहीं गया.
दरअसल, बांग्लादेश की पारी के 12वें ओवर में शमी की दूसरी गेंद पर सौम्य सरकार के खिलाफ LBW की अपील की, जिसे अंपायर ने खारिज कर दिया. कोहली ने DRS का इस्तेमाल किया.
टीवी रीप्ले में ये साफ नहीं था कि बल्ले का किनारा पहले लगा या गेंद पैड पर पहले लगी. गेंद Ultraedge में जिस वक्त हरकत दिख रही थी, उस वक्त गेंद पैड और बल्ले पर एक साथ दिख रही थी. इसके चलते थर्ड अंपायर ने भी इसे नॉट आउट करार दिया. इसका नतीजा ये हुआ कि भारत का रिव्यू भी खत्म हो गया.
इस फैसले के बाद कोहली नाराज दिखे और कुछ देर तक अंपयार मरायस एरासमस से बहस करते रहे.
ये पहली बार नहीं है, जब कोहली अंपायरों से उलझते हुए नजर आए. इसी टूर्नामेंट के दौरान अफगानिस्तान के खिलाफ हुए मैच में कोहली को 25 प्रतिशत मैच फीस से हाथ धोना पड़ा क्योंकि वो जरूरत से ज्यादा अपील करते रहे. इसके साथ ही आईसीसी की नई आचार संहिता के तहत कोहली के 2 डिमेरिट प्वाइंट हो गए हैं.
इससे पहले 2018 में साउथ अफ्रीका के खिलाफ टेस्ट सीरीज में भी कोहली को एक डिमेरिट प्वाइंट मिला था.
आईसीसी की नई आचार संहिता के मुताबिक अगर कोई भी खिलाड़ी 24 महीनों के अंदर 4 डिमेरिट प्वाइंट हासिल करता है, तो उस पर एक टेस्ट मैच या 2 वनडे या फिर 2 टीट्वंटी मैच का प्रतिबंध लग सकता है. इस लिहाज से अगर कोहली को इस मामले में भी सजा मिलती है, तो कोहली के महज डेढ़ साल में 3 डिमेरिट प्वाइंट हो जाएंगे.
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)