पूर्व भारतीय ओपनर वीरेंद्र सहवाग ने डे-नाइट टेस्ट मैच का समर्थन करते हुए कहा है कि यह भविष्य है और भारत में अक्सर इसे खेला जाना चाहिए. उन्होंने टेस्ट मैच में बदलाव कर 4 दिन का करने के विचार का मजाक उड़ाया और कहा कि चार दिन की चांदनी होती है, टेस्ट मैच नहीं. सहवाग ने साथ ही कहा कि टेस्ट में बदलाव की तुलना ‘बेबी डायपर’ से की और कहा इन्हें तब ही बदलना चाहिए जब ये खराब हो जाएं.
बीसीसीआई अध्यक्ष सौरव गांगुली के अनुरोध पर भारतीय टीम पिछले साल ईडन गार्डन्स में बांग्लादेश के साथ अपना पहला डे-नाइट टेस्ट मैच खेल चुकी है.
सहवाग ने रविवार 12 जनवरी की रात मुंबई में हुए बीसीसीआई अवार्ड्स समारोह के दौरान सातवें मंसूर अली खान पटौदी लेक्चर देते समय यह बात कही. सहवाग ने कहा,
“डे-नाइट टेस्ट मैच आगे बढ़ने का रास्ता है. हम ईडन गार्डन्स में यह देख चुके हैं. डे-नाइट टेस्ट मैच को आयोजित कराने के लिए हमें इसका श्रेय दादा (सौरव गांगुली) को देना चाहिए.”
उन्होंने कहा, "इनोवेशन समय की जरूरत है. इससे ज्यादा से ज्यादा दर्शकों को मैदान में आना चाहिए."
‘चार दिन की सिर्फ चांदनी, टेस्ट नहीं’
पूर्व भारतीय ओपनर ने पांच दिन के टेस्ट मैच को चार दिन का करने के प्रस्ताव पर कप्तान विराट कोहली और कोच रवि शास्त्री के विचारों का समर्थन किया. कोहली और शास्त्री पांच दिन के टेस्ट मैच में कोई छेड़खानी नहीं करना चाहते हैं.
सहवाग ने पांच दिन के टेस्ट मैच की तुलना बेबी डायपर से करते हुए कहा कि दोनों को केवल तभी बदला जाना चाहिए जब वे बेकार (निर्थक) हो जाए.
“मैंने हमेशा बदलाव का समर्थन किया है. मैं पहले टी-20 मैच में भारत का कप्तान रह चुका हूं और मुझे इसपर गर्व है. मैं 2007 में टी-20 विश्व कप जीतने वाली भारतीय टीम का सदस्य रह चुका हूं. लेकिन पांच दिनों का टेस्ट मैच एक रोमांस है.”वीरेंद्र सहवाग, पूर्व क्रिकेटर
सहवाग ने कहा, "जर्सी में नाम जैसे शब्द में बदलाव लाना और दिन-रात टेस्ट (पिंक बॉल टेस्ट) का आना ठीक है. लेकिन डायपर और पांच दिन का टेस्ट क्रिकेट तभी बदलने चाहिए जब वे खराब हो या वे खत्म हो जाए."
सहवाग ने आगे कहा, "पांच दिन का टेस्ट मैच अभी समाप्त नहीं हुआ है. टेस्ट क्रिकेट 143 साल का पुराना फिट आदमी है. उसकी एक आत्मा है. चार दिन की सिर्फ चांदनी होती है, टेस्ट क्रिकेट नहीं."
टेस्ट क्रिकेट को 5 से घटाकर 4 दिन का करने के आईसीसी के विचार को ज्यादातर क्रिकेटरों ने सही नहीं माना है. मार्च में होने वाली आईसीसी की बैठक में इस पर फैसला होने की संभावना है.
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