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WTC फाइनल: भारत Vs न्यूजीलैंड- किसका पलड़ा भारी, कमजोरी और ताकत

दोनों टीमों ने एक दूसरे के खिलाफ 59 टेस्ट मैच खेले हैं जिसमें से भारत ने 21 मुकाबले जीते हैं

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भारत और न्यूजीलैंड के बीच वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप (WTC) का ऐतिहासिक मुकाबला साउथम्पटन के क्रिकेट ग्राउंड में खेला जाएगा. शुक्रवार 18 जून से शुरू होने वाले इस टेस्ट मैच के लिए दोनों ही वर्ल्ड चैंपियन टीमें तैयार हैं. इस मैच से ठीक पहले न्यूजीलैंड की टीम ने इंग्लैंड को टेस्ट सीरीज में करारी मात दी है, जिससे टीम का आत्मविश्वास दोगुना है, लेकिन भारत की तरफ से भी पूरी तैयारी है. ऑस्ट्रेलिया दौरे पर अपने बल्ले का दम दिखाने वाले युवा ऋषभ पंत से लेकर अजिंक्य रहाणे और पुजारा जैसे अनुभवी बल्लेबाज टीम में शामिल हैं.

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लेकिन वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप (WTC) जैसे बड़े खिताबी मुकाबले से पहले दोनों टीमों में कुछ चीजें ऐसी हैं, जिसे उनकी कमजोरी कहा जा सकता है. वहीं कुछ फैक्टर ऐसे भी हैं, जो टीम को मजबूती से इस मुकाबले का दावेदार बनाते हैं. पहले बात करते हैं भारतीय टीम की...

भारतीय स्क्वॉड में कितना दम?

भारत ने इस ऐतिहासिक मुकाबले के लिए अपनी 15 सदस्यीय टीम का ऐलान किया है. जिसमें युवा और अनुभवी प्लेयर्स का शानदार मिश्रण देखा जा सकता है. एक तरफ जहां टीम में शुभमन गिल और अपने ही अंदाज में चौके-छक्के लगाने वाले ऋषभ पंत को शामिल किया गया है, वहीं दूसरी तरफ बल्लेबाजी क्रम में ठहराव के लिए चेतेश्वर पुजारा और हनुमा विहारी जैसे अनुभवी बल्लेबाज शामिल हैं. कप्तान विराट कोहली और रोहित शर्मा भी स्कोर बोर्ड के महारथी हैं, जिनकी फॉर्म इस मुकाबले में काफी कुछ तय करेगी.

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गिल और रोहित की जोड़ी

अब बात करते हैं पिच में उतरने वाली टीम की... तो युवा शुभमन गिल और रोहित शर्मा भारत की तरफ से ओपनिंग करने उतर सकते हैं. शुभमन गिल ऑस्ट्रेलिया दौरे में अपना जलवा दिखा चुके हैं, वहीं शतकवीर रोहित शर्मा का बल्ला बोलने लगा तो कीवी गेंदबाजों के पसीने छूट जाएंगे. अब मिडिल ऑर्डर में भारत के पास विराट कोहली, चेतेश्वर पुजारा और अजिंक्य रहाणे जैसे शानदार बल्लेबाज हैं. जो किसी भी हालात में टीम को एक अच्छे स्कोर तक पहुंचा सकते हैं.

विराट कोहली पिछले कुछ साल से शतक के लिए जूझ रहे हैं, लेकिन कई पारियों में अच्छा स्कोर किया है. वहीं पुजारा भारतीय टीम की मजबूती से खड़ी दीवार की तरह हैं. अजिंक्य रहाणे की बात करें तो वो खुद की काबलियत ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ अपनी कप्तानी में ऐतिहासिक टेस्ट सीरीज जीतकर दिखा चुके हैं.
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गेम बदल सकते हैं पंत

इसके बाद अब बात युवा और धमाकेदार बल्लेबाज ऋषभ पंत की करते हैं. जो टीम को एक नई दिशा देने का दम रखते हैं. ऑस्ट्रेलिया दौरे में पंत का जलवा हर किसी ने देखा. ब्रिस्बेन की जीत में पंत की अहम भूमिका थी. इसके बाद से लगातार पंत का बल्ला आग उगल रहा है. इसीलिए उन्हें अब इस अहम मुकाबले में जगह दी गई है. कुल मिलाकर पंत भारतीय टीम के लिए WTC में एक गेमचेंजर साबित हो सकते हैं.

गेंदबाजी में कितना दम?

अब अगर गेंदबाजी की बात करें तो भारतीय टीम मजबूत गेंदबाजी क्रम के साथ मैदान में उतरने जा रही है. जसप्रीत बुमराह साउथम्पटन की तेज पिच पर विकेट उखाड़ सकते हैं, वहीं उनका साथ देने के लिए उमेश यादव और मोहम्मद शमी जैसे अनुभवी गेंदबाज हैं. मोहम्मद सिराज और इशांत शर्मा को मौका मिलता है तो वो भी अपना कमाल दिखा सकते हैं.

स्पिन गेंदबाजी की बात करें तो भारत के पास रविचंद्रन अश्चिन और रवींद्र जडेजा जैसे वर्ल्ड क्लास स्पिनर हैं, जो न सिर्फ अपनी फिरकी से कमाल दिखाते हैं, बल्कि जरूरत पड़ने पर बल्ले से भी विपक्षी टीम के छक्के छुड़ा सकते हैं.
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कम प्रैक्टिस और तेज पिच भारत की कमजोरी?

हमने भारतीय टीम की ताकत की बात तो कर ली, लेकिन अब कमजोरी भी जान लेते हैं. भारतीय टीम की सबसे बड़ी कमजोरी साउथम्पटन की तेज पिच हो सकती है. क्योंकि न्यूजीलैंड के तेज गेंदबाज यहां अपनी घातक बाउंसर से बल्लेबाजों को परेशान कर सकते हैं. ज्यादातर बार देखा गया है कि विदेशी पिचों में भारतीय गेंदबाजों को शॉर्ट गेंद ने काफी परेशान किया है. वहीं अगर तेज गेंदबाजों को पिच से स्विंग मिली तो ये बल्लेबाजों के लिए और भी ज्यादा मुश्किलें खड़ी कर सकता है. पूर्व विकेटकीपर किरण मोरे ने भी इस अहम मुकाबले में भारतीय बल्लेबाजों को लेकर चिंता जताई है. उन्होंने कहा कि विदेशी दौरों पर टीम एक यूनिट के तौर पर नहीं खेल पाई.

इसके अलावा टीम इंडिया के लिए कोई प्रैक्टिस मैच नहीं खेलना नुकसानदायक है. क्योंकि न्यूजीलैंड की टीम ने हाल ही में इंग्लैंड के साथ टेस्ट सीरीज खेली है, लेकिन भारतीय टीम की प्रैक्टिस नहीं हुई है. भारतीय बल्लेबाज चेतेश्वर पुजारा भी इसका जिक्र कर चुके हैं. उन्होंने कहा कि,

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“अभ्यास मैच नहीं खेलने से नुकसान हुआ लेकिन यह ऐसा है जिस पर हमारा कंट्रोल नहीं है. तैयारियों के लिए कम समय मिलने से नुकसान हुआ, लेकिन अगर आप इस चुनौती के लिए तैयार हैं तो भले ही परिस्थितियां अनुकूल नहीं भी रहें तो भी आप अच्छा कर सकते हैं.”

भारतीय टीम: रोहित शर्मा, शुभमन गिल, चेतेश्वर पुजारा, विराट कोहली (कप्तान, अजिंक्य रहाणे, हनुमा विहारी, ऋषभ पंत (विकेटकीपर), रविचंद्रन अश्विन, रवींद्र जडेजा, जसप्रीत बुमराह, इशांत शर्मा, मोहम्मद शमी, मोहम्मद सिराज, उमेश यादव और रिद्धिमान साहा.

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न्यूजीलैंड टीम की ताकत

अब बात वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप (WTC) में पहुंचने वाली दूसरी टीम यानी न्यूजीलैंड की करते हैं. इस मैच से पहले न्यूजीलैंड की टीम के हौसले बुलंद हैं. क्योंकि पिछले कुछ मैचों में टीम का प्रदर्शन काफी अच्छा रहा है. कीवी टीम की ताकत की बात करें तो कप्तान केन विलियमसन अगर टीम में वापसी करते हैं तो वो भारतीय गेंदबाजों के लिए परेशानी का सबब बन सकते हैं.

इसके अलावा विकेटकीपर बल्लेबाज बीजे वाटलिंग भी फिट नजर आ रहे हैं. जो अपनी शानदार बल्लेबाजी के लिए जाने जाते हैं. न्यूजीलैंड की तरफ से इस अहम मैच में टॉम लाथम और डेवॉन कॉन्वे ओपन कर सकते हैं. हालांकि न्यूजीलैंड की ओपनिंग साझेदारी पिछले कुछ समय से ज्यादा कमाल नहीं कर पाई है. टीम में रॉस टेलर भी मध्यम क्रम में अहम भूमिका निभा सकते हैं. अनुभव के साथ-साथ वो स्पिन गेंदबाजों के खिलाफ काफी अच्छा खेलते हैं, जिसका सीधा फायदा टीम को होगा.

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वोल्ट दे सकते हैं भारत को झटके

गेंदबाजी की अगर बात करें तो न्यूजीलैंड की सबसे मजबूत कड़ी ट्रेंट बोल्ट हैं, जो अपनी गेंदबाजी से बल्लेबाजों को सैकड़ों वोल्ट का झटका दे सकते हैं. तेज पिच पर बोल्ट की गेंदें और ज्यादा घातक हो जाती हैं, उनकी शानदार इनस्विंग को समझ पाना बल्लेबाजों के लिए बड़ी चुनौती रही है. टेस्ट क्रिकेट में ट्रेंट बोल्ट का शानदार प्रदर्शन रहा है. भारतीय बल्लेबाजों के लिए बोल्ट की सुपर स्पीड बाउंसर देखने को मिल सकती हैं. इनके अलावा टिम साउदी और काइली जेमिसन भी टीम इंडिया के बल्लेबाजों के सामने बड़ी चुनौती हैं.

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न्यूजीलैंड की कमजोर कड़ी

अब न्यूजीलैंड टीम की कमजोरी की बात करें तो पिछले कुछ सालों में टीम विदेशों में कुछ खास प्रदर्शन हीं कर पाई है. साथ ही न्यूजीलैंड के गेंदबाजों को सबसे ज्यादा खतरा भारतीय स्पिन गेंदबाजों से हो सकता है. क्योंकि स्पिन गेंदबाजों के खिलाफ कीवी टीम के बल्लेबाजों का प्रदर्शन काफी खराब रहा है. खासतौर पर ओपनिंग बल्लेबाजों के पास ज्यादा अनुभव नहीं है तो अश्विन और जडेजा उन्हें अपनी फिरकी का शिकार बना सकते हैं. वहीं टीम का मिडिल ऑर्डर भी पिछले कुछ समय से बेहतर प्रदर्शन नहीं कर पाया है. ऐसे में ये टीम की कमजोर कड़ी साबित हो सकता है.

इसके अलावा एक नेगेटिव प्वाइंट न्यूजीलैंड के लिए ये है कि, भारत का न्यूजीलैंड के खिलाफ टेस्ट क्रिकेट में रिकॉर्ड काफी अच्छा रहा है. दोनों टीमों ने एक दूसरे के खिलाफ 59 टेस्ट मैच खेले हैं जिसमें से भारत ने 21 मुकाबले जीते हैं और 12 में उसे हार मिली है. हालांकि इनमें से 16 जीत भारत को घर में मिली हैं. वहीं न्यूजीलैंड में खेले गए 25 टेस्ट में से 10 में हार मिली और भारत ने सिर्फ पांच मैच जीते हैं. लेकिन इस बार मुकाबला न तो न्यूजीलैंड में है, न ही भारत में... बल्कि ये अहम मुकाबला इंग्लैंड के न्यूट्रल वेन्यू में खेला जाना है.

न्यूजीलैंड टीम: केन विलियम्सन (कप्तान), टॉम ब्लंडेल, ट्रेंट बोल्ट, डेवोन कॉनवे, कॉलिन डी ग्रैंडहोम, मैट हेनरी, काइल जैमिसन, टॉम लाथम, हेनरी निकोलस, एजाज पटेल, टिम साउदी, रॉस टेलर, नील वेगनर, बीजे वाटलिंग और विल यंग

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