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मैदान में हों या नहीं, चर्चा में सिर्फ धोनी और उनकी कप्तानी

मुंबई के खिलाफ बुखार के कारण धोनी नहीं खेल पाए और चेन्नई को हार झेलनी पड़ी

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धोनी होते तो ऐसा होता...धोनी होते तो वैसा होता...लेकिन जब धोनी मैदान में होते हैं तो कैसा होता है? मुंबई के हाथों चेन्नई की हार के बाद इस तरह की तमाम बातें हो रही हैं. शुक्रवार रात खेले गए मैच में धोनी बुखार की वजह से नहीं खेले. मुंबई ने वो मैच 46 रनों के बड़े अंतर से जीत लिया. मैच में चेन्नई की टीम कभी थी ही नहीं. इस बात को आगे बढ़ाने से पहले थोड़ा पीछे चलते हैं.

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चेन्नई की जीत का राज है खास

आप याद कीजिए, चेन्नई ने अपने पिछले मैच में हैदराबाद को हराया था. उस जीत के साथ ही चेन्नई की टीम का प्लेऑफ में खेलना तय हो गया था. मैच खत्म होने के बाद हर्षा भोगले ने महेंद्र सिंह धोनी से एक सवाल पूछा था. जिसकी वीडियो क्लिप बड़ी वायरल भी हुई.

हर्षा भोगले ने धोनी से पूछा कि आखिर चेन्नई सुपरकिंग्स की टीम में क्या खास है, वो अपनी टीम से मैच के पहले क्या बात करते हैं...धोनी ने आसान लहजे में कहा-

अगर वो ये सारी बातें सबको बता देंगे तो फिर उन्हें ‘ऑक्शन’ में कौन खरीदेगा. जो लोग धोनी को जानते हैं, उनके स्वभाव को जानते हैं वो इस बात को मानेंगे कि धोनी ने भले ही वो बात मजाकिया लहजे में कही हो, लेकिन उनकी इस बात के मायने बड़े थे.

धोनी की मैदान में मौजूदगी भर का फर्क तो बड़ा है. वो ना हों तो वही चेन्नई की टीम सामान्य टीम लगने लगती है.

नो धोनी, नो विन

ये आंकड़ा आज हर जगह चर्चा में है इसलिए इसकी बात कर लेते हैं. आईपीएल के इतिहास में ऐसा पांच बार हुआ है जब चेन्नई की टीम बगैर धोनी के मैदान में उतरी है. इन पांच मैचों में से चार बार चेन्नई को हार का सामना करना पड़ा है. इसमें एक ऐसी हार भी शामिल है जो सुपर ओवर में हुई थी.

मुंबई के खिलाफ मैच में रवींद्र जडेजा भी प्लेइंग 11 में शामिल नहीं थे. ये जानकारी सिर्फ इसलिए जरूरी है क्योंकि ये चेन्नई सुपरकिंग्स का पहला मैच है जो जडेजा ने ‘मिस’ किया.

तो अब घूमकर वहीं आते हैं कि आखिर धोनी मैदान में ऐसा क्या करते हैं कि उनकी टीम अलग दिखाई देती है. वो कौन सा ‘एक्स फैक्टर’ है, जिसकी तारीफ सुनील गावस्कर, कपिल देव, सचिन तेंदुलकर, रवि शास्त्री और मौजूदा कप्तान विराट कोहली करते रहते हैं. हाल ही में कपिल देव ने धोनी के बारे में जो बयान दिया वो जानना बहुत जरूरी है.

मुंबई के खिलाफ बुखार के कारण धोनी नहीं खेल पाए और चेन्नई को हार झेलनी पड़ी

1983 में देश को पहली बार विश्व कप दिलाने वाले कप्तान कपिल देव का ये बयान अहम है. अहम इस लिहाज से क्योंकि हर किसी को धोनी की मौजूदगी का फायदा समझ आता है.

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इस सीजन में जारी है धोनी का करिश्मा

सिलसिलेवार तरीके से बात करते हैं. आप सीजन का पहला मैच याद कीजिए. रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर की मजबूत टीम 70 रन पर सिमट गई थी. उस मैच में हरभजन सिंह ने विराट कोहली और एबी डिविलियर्स को जिस तरह आउट किया उसमें ‘फील्ड-प्लेसमेंट’ जरूर देखिएगा.

ठीक इसी तरह सनराइजर्स हैदराबाद के खिलाफ धोनी ने चार मैच के बाद भज्जी को प्लेइंग 11 में शामिल किया. उनको दूसरे ही ओवर में गेंद थमाई. मकसद सिर्फ एक था कि डेविड वॉर्नर और जॉनी बेयरस्टो में से किसी एक को जल्दी आउट कर लिया जाए क्योंकि दोनों जबरदस्त फॉर्म में चल रहे हैं. भज्जी ने बेयरस्टो को बगैर खाता खोले पवेलियन भेजा.

नतीजा वॉर्नर और मनीष पांडे की शानदार बल्लेबाजी के बाद भी स्कोरबोर्ड चेन्नई की पहुंच में था. 176 रनों का लक्ष्य चेन्नई ने हासिल कर लिया.

चेन्नई को अभी दिल्ली और पंजाब की टीम के खिलाफ एक-एक मैच और खेलना है. दिल्ली के खिलाफ मैच से पहले धोनी के पास 4 दिन आराम का समय है. लीग मैचों के बाद एक बार फिर हाई वोल्टेज मुकाबले शुरू होंगे. तब तक उन्हें खुद को सौ फीसदी फिट करना है. प्लेऑफ मैचों में एक बार फिर धोनी का ‘एक्स फैक्टर’ अपना करिश्मा दिखाएगा.

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