शाम साढ़े सात बजे के मैच शुरू हुआ और टॉस जीता न्यूजीलैंड ने. पहले बैटिंग करने का फैसला किया तो कमेंटेटर कह रहे थे कि अच्छा है भारत की चेजिंग अच्छी है. न्यूजीलैंड के पास जीतने की अपनी वजहें थीं. पहले कभी किसी टी-20 गेम में भारत न्यूजीलैंड को हरा नहीं पाया है, और आत्मविश्वास से लबरेज गुप्टिल और कप्तान विलियम्सन ओपनिंग करने उतरे.
धोनी की प्लानिंग सटीक थी, आर अश्विन को पहला ओवर दिया गया और पहले ही गेंद पर छक्का.
और फिर अगली गेंद पर अश्विन का जादू चला और गुप्टिल हो गए आउट.
आशीष नेहरा स्पिनर्स को लाइलाइट चुराने नहीं देने वाले थे.
पारी का दूसरा ओवर और नेहरा ने मुनरो को आउट कर दिया.
1.3 ओवर में न्यूजीलैंड का स्कोरबोर्ड कह रहा था 13/2
अब धोनी की बारी थी.
विलियम्सन को रैना की गेंद पर धोनी ने चकमा दिया और गिल्लियां उड़ा दीं.
अब बुुमराह की बारी थी और वो उम्मीदों पर खरे उतरे,
न्यूजीलैंड के सबसे बड़े स्कोरर कोरी एंडरसन का विकेट उन्होंने झटक लिया.
रविंद्र जडेजा और सुरेश रैना ने भी कमाल दिखाया और आखिरकार न्यूजीलैंड की पारी 126 रनों पर सिमट गई.
अब भारत को देना था जवाब
127 रन जीत के लिए चाहिए था, नागपुर स्टेडियम टीम इंडिया की हौसलाअफजाई कर रहा था
और बुरी खबर का सिलसिला शुरू हुआ...
शिखर धवन और रोहित शर्मा पहले 2 ओवर में ही आउट हो गए.
अब दर्शकों को युवराज से उम्मीद थी लेकिन वो उम्मीदों पर खरा नहीं उतर पाए. स्कोर भी बिगड़ा और युवराज भी आउट.
भारत का स्कोरबोर्ड सबको टेंशन में डाल रहा था- 26/4 सिर्फ 4.5 ओवर में.
विराट से एक विराट पारी की आस थी, विराट पिच पर टिके भी लेकिन सिर्फ 30 रन बना पाए.
मुश्किल वक्त में जीत का दारोमदार धोनी पर था. वो एक योद्धा की तरह लड़े भी लेकिन दूसरी तरफ एक के बाद एक विकेट गिरते रहे.
एक छक्का भी जड़ा, नेहरा को बॉलिंग एंड पर रखने के लिए सिंगल रन भी नहीं लेने लगे.
लेकिन अफसोस जब टीम को 14 बॉल में 48 रन की जरुरत थी तो धोनी 30 बॉल में 30 रन बनाकर आउट हो गए.
नागपुर स्टेडियम में सन्नाटा पसरा था और आशीष नेहरा का विकेट गिरते ही भारत की हार हो गई.
भारत 47 रन से मैच हार गया.
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