आस्ट्रेलिया में 4 वनडे मैचों में हार के बाद भारत को बीते 2 मैचों में जीत का स्वाद चखने का मौका मिला है.
इसका श्रेय विराट कोहली को जाता है. क्योंकि, कोहली ने पूरी वनडे सीरीज में 400 के करीब बनाए हैं. वहीं, T20 सीरीज के पहले मैच में भी कोहली ने मात्र 55 गेंदों पर 90 रन बनाकर टीम को जीत के करीब पहुंचने में बड़ी मदद की.
T20 अंतरराष्ट्रीय मैचों में ये कोहली का सर्वाधिक स्कोर है. लेकिन, इस मैच की खास बात कोहली के रनों की जगह उनके रन बनाने के अंदाज में छुपी है.
क्यों खास है विराट की पारी
आस्ट्रेलिया में पहले T20 मैच में सलामी जोड़ी ने टीम को अच्छी शुरूआत दी. इसके बाद कोहली ने अपनी ताबड़तोड़ बल्लेबाजी से रनों की गति किसी तरह कम नहीं होने दिया.
विराट की पारी की दो खास बातें हैं. एक तो उन्होंने रनों की गति को तेजी दी और वहीं वे सिंगल्स भी लगातार ही लेते रहे.
T20 फॉर्मेट में अक्सर देखा जाता है कि बल्लेबाज को पहले 6 ओवरों में फील्ड रिस्ट्रिक्शंस की वजह से दिक्कत होती है. या फिर, विकेट्स हाथ में होने पर आखिरी ओवरों में भी ये दिक्कत आ सकती है.
लेकिन, मंगलवार को विराट ने बहुत शानदार तरीके से आस्ट्रेलियाई गेंदबाजी आक्रमण को नेस्तनाबूद कर दिया. उन्होंने अपने कलात्मक शॉट्स से रन तोे बटोरे ही. लेकिन, इसके साथ ही उन्होंने सिंगल्स लेकर स्कोर बोर्ड को आगे बढ़ाने में कोई कसर नहीं छोड़ी.
जब कोहली ने 33 गेंदों पर 53 रन बनाए थे तो उसी दौरान दूसरे छोर पर खड़े बल्लेबाज ने सिर्फ 21 रन बनाए.
ऐसे में कोहली की पारी को देखकर उभरते क्रिकेट सितारों को समझना चाहिए कि मैच जीतने के लिए जरूरी है कि मौके देखकर निर्णय लिए जाएं.
कोहली ने अपनी पारी में चौकों और छक्कों के साथ ही सिंगल्स और डबल्स पर भी ध्यान दिया. और, खिलाड़ियों के अंदर यही चीज होना आवश्यक है कि वे सही समय पर सटीक और उचित निर्णय ले सकें.
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)