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AFC एशियन कप: इतिहास रचने से चूका भारत, बहरीन ने 1-0 से हराया

भारत का एएफसी एशिया कप के प्री-क्वार्टरफाइनल में खेलने का सपना टूटा.

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एएफसी एशियन कप के ग्रुप ए के मैच में सोमवार को आखिरी समय तक अपने मजबूत डिफेंस के दम पर बहरीन को गोल करने से रोकने वाली भारतीय टीम को आखिरी मिनट में एक गलती भारी पड़ गई जिसकी वजह से वह इतिहास के मुहाने पर खड़े होकर वापस लौटन पर मजबूर हो गई. बहरीन ने भारत को अल शारजाह स्टेडियम में खेले गए मैच में 1-0 से हरा कर प्री-क्वार्टर फाइनल में जाने से रोक दिया.

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भारत अगर इस मैच में ड्रॉ भी खेल लेती तो वह क्वार्टर फाइनल में पहुंच जाती और इतिहास रचने में सफल होती. इससे पहले भारत ने कभी भी इस टूर्नामेंट के क्वार्टर फाइनल में प्रवेश नहीं किया और इस बार वह इतिहास रचने के बेहद करीब थी लेकिन आखिरी मिनट में एक गलती ने बहरीन को पेनल्टी सौंप दी जिस पर जमल राशेद ने गोल कर भारत के सपने को चकनाचूर कर बहरीन को जीत दिलाई.

एशियन कप में भारत ने किया अच्छा प्रदर्शन

पहले मैच में थाईलैंड को मात देकर भारत ने उम्मीद जगाई थी. दूसरे मैच में हालांकि उसे यूएई से मात खानी पड़ी थी. अगले दौर में जाने के लिए उसे इस मैच में कम से कम ड्रॉ खेलना था जिसमें वह सफल होती दिख रही थी, लेकिन प्रणॉल हल्दार की एक गलती ने बहरीन को गोल करने का स्वर्णिम मौका दिया जिसे उसने जाया नहीं किया.

इस आखिरी गलती को छोड़ दें तो भारतीय डिफेंस ने इस मैच में अव्वल दर्जे का खेल दिखाया और बहरीन के तमाम प्रयासों को नाकामयाब किया. खासकर आखिरी के 20 मिनट में बहरीन ने लगातार आक्रमण किए जिन्हें भारतीय गोलकीपर गुरप्रीत सिंह संधू और डिफेंस ने टाल दिया. लेकिन शायद किस्मत को कुछ और मंजूर था.

भारत का एएफसी एशिया कप के प्री-क्वार्टरफाइनल में खेलने का सपना टूटा.
भारत और बहरीन मैच के दौरान एक्शन में फुटबॉल खिलाड़ी
(Photo Courtesy: Twitter/afcasiancup)

ऐसा रहा मैच

भारत के लिए मैच की शुरुआत अच्छी नहीं रही. उसे पांचवें मिनट में एक झटका लगा. अनस इडाथोडिका को चोट के कारण बाहर जाना पड़ा और सलाम रंजन सिंह उनकी जगह मैदान पर आए.

अगले मिनट बहरीन ने हमला बोला और गोल करने का प्रयास किया. बहरीन के मोहम्मद अल रोमाइही ने हल्दार से गेंद ली और गोलपोस्ट पर निशाना दागा. यहां संधू ने शानदार बचाव करते हुए गोल नहीं होने दिया. तीन मिनट बाद भारत के संदेश झिंगान के पास भी गोल करने का मौका था लेकिन वह ऑफ साइड करार दे दिए गए.

दोनों टीमें आक्रामक खेल ही खेल रही थीं. भारत के पास 12वें मिनट में गोल करने का बड़ा मौका आया. प्रीतम कोटाल ने गेंद लेकर आशिके कुरियन को दी. कुरियने ने हेडर के जरिए गेंद को नेट में डालने का प्रयास किया जो विफल रहा और गेंद बाहर चली गई.  

22वें मिनट में होली चरण नारजारे ने भारत के लिए एक और प्रयास किया. इस बार भी भारत सफल नहीं हो सका. छह मिनट बाद हल्दार और नारजरे ने मिलकर एक और मौका कप्तान सुनील छेत्री के लिए बनाया. छेत्री के रास्ते में यहां बहरीन के डिफेंडर हरनाद अल शमशन आ गए और कप्तान गोल नहीं कर सके.

यहां से कोई बड़ा मौका तो दोनों टीमें बना नहीं पाईं, लेकिन प्रयास लगातार जारी रहे. दोनों टीमों के डिफेंस ने आक्रमणपंक्ति को रोके रखा और पहले हाफ का अंत बिना किसी गोल के हुआ.

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दूसरे हाफ ने बिगाड़ा सारा खेल

दूसरे हाफ में भारतीय टीम एक बदलाव के साथ उतरी कोच स्टीफन कांस्टेनटाइन ने आशिके के स्थान पर जेजे लालपेखुलआ को मैदान पर उतारा.

पहले हाफ में धिया सइद ने भारतीय घेरे में लगातार प्रवेश किया था. दूसरे हाफ में भी उन्होंने अपना खेल जारी रखा. इस बीच बहरीन ने भी एक बदलाव किया और अली मदान के स्थान पर मोहम्मद जासिम मारहून को मैदान पर भेजा.

59वें मिनट में हल्दार ने बहरीन के हाथ से मौका छीन लिया. राशेद ने फ्री किक ली लेकिन प्रणॉय ने उनके शॉट को रोक भारत को एक गोल से पीछे होने से बचा लिया. यहां से बहरीन ने लगातार दो प्रयास किए. मारहून ने शुभाशीष बोस को छकाते हुए गोल करने का प्रयास किया लेकिन झिंगान ने उन्हें रोक दिया. 61वें मिनट में अल अवसाद ने दूर से किक लगाई जो पोस्ट के काफी बाहर से चली गई.

भारतीय टीम भी अपनी कोशिशों में लगी थी. इसी प्रयास में 65वें मिनट में उदांता और सलाम रंजन ने अपने प्रयास से कप्तान छेत्री को गेंद सौंपी. छेत्री की किस्मत शायद उनके साथ नहीं थी और गेंद बार के ऊपर से निकल गई.

वक्त जैसे-जैस घटता जा रहा था दोनों टीमों में गोल करने की ललक उसी के साथ बढ़ती जा रही थी और इसी वजह से आक्रामकता में इजाफा हो रहा था. यहां दोनों टीमों की डिफेंसिव लाइन का रोल अहम हो गया था. इसी बीच 71वें मिनट में बहरीन को कॉर्नर मिला जिसपर मीले, मारहून और हेलाल की तिगड़ी गोल करने से चूक गई.

अगले मिनट बहरीन ने एक और मौका बनाया लेकिन एक बार फिर संदेश ने मीले को रोक उसे गोल नहीं करने दिया. बहरीन बेहद आक्रामक थी और भारतीय घेरे में ही पैर जमाए बैठी थी. भारतीय डिफेंस ने उसे रोके रखा, लेकिन आखिरी मिनट में हल्दार ने शमशान को रोकने की कोशिश में फाउल कर दिया जिससे बहरीन को पेनाल्टी मिली जिस पर राशेद ने गोल कर भारत के सपने को तोड़ दिया.

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