यूं तो ये कोई नई बात नहीं क्योंकि हर विदेश दौरे पर कुछ ना कुछ खिलाड़ी हमेशा पहली बार ही जाते हैं. इन दौरों में अपने प्रदर्शन के दम पर ही अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में उनका रुतबा भी बनता है लेकिन विराट कोहली के लिए इस बार ये समस्या थोड़ी ज्यादा गंभीर इसलिए है क्योंकि हाल के दिनों में जिन खिलाड़ियों के दम पर उन्होंने सबसे ज्यादा जीत दर्ज की है वो ऑस्ट्रेलिया में पहली बार खेलेंगे.
इसमें बल्लेबाज, तेज गेंदबाज और स्पिनर तीनों शामिल हैं. विराट के लिए ये समस्या इसलिए भी गंभीर है क्योंकि ऑस्ट्रेलिया के पिछले दौरे में उन्होंने खुद लाजवाब प्रदर्शन किया था. उनकी परेशानी ये थी कि उन्हें साथ देने वाला कोई नहीं मिला था. जिसकी वजह से कंगारूओं ने एक के बाद एक जीत हासिल की थी.
इस बार ऑस्ट्रेलिया के दौर पर गई भारतीय टीम में जसप्रीत बुमराह, कुलदीप यादव, पृथ्वी शॉ और ऋषभ पंत वो चार नाम हैं जिनका प्लेइंग 11 में होना तय है. इन चारों खिलाड़ियों का ये पहला ऑस्ट्रेलिया दौरा है. टी-20 सीरीज के तुरंत बाद टेस्ट सीरीज खेली जानी है. टीम इंडिया के इन खिलाड़ियों के लिए ऑस्ट्रेलिया की आबोहवा और वहां के मैदानों के मिजाज को समझने के लिए करीब दो हफ्ते का समय है. ये चारों खिलाड़ी जितनी जल्दी इन बातों को भांप लेंगे और खुद को उस हिसाब से ढाल लेंगे उतनी जल्दी टीम इंडिया का प्रदर्शन अलग दिखाई देने लगेगा.
अंतरराष्ट्रीय टेस्ट क्रिकेट में इन चार खिलाड़ियों का प्रदर्शन एक बार जान लेते हैं फिर कहानी को आगे बढ़ाएंगे.
ऑस्ट्रेलिया में पहली बार उतरेंगे ये 4 खिलाड़ी
ऑस्ट्रेलिया दौरे के लिए इन चार खिलाड़ियों की अनुभवहीनता पर क्यों चर्चा कर रहे हैं ये भी आपको बता देते हैं. दरअसल हाल के दिनों में इन चारों खिलाड़ियों का प्रदर्शन टीम इंडिया के लिए बहुत ‘क्रूशियल’ रहा है.
टेस्ट क्रिकेट में ‘टेंपरामेंट’ कैसा होना चाहिए इसको लेकर भी इन्हें काफी कुछ सीखने की जरूरत है. ‘स्लेजिंग’ के लिए कुख्यात कंगारुओं के सामने इन बातों को लेकर बहुत सतर्क रहने की जरूरत भी है.ये सतर्कता इसलिए और ज्यादा जरूरी है क्योंकि ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ सीरीज पर टीम इंडिया के पूर्व दिग्गज खिलाड़ियों और आलोचकों की पैनी नजर है. जिसके पीछे है टीम इंडिया के कोच का वो दावा जब उन्होंने मौजूदा टीम को विदेशी पिचों पर खेलने के लिहाज से पिछले डेढ़ दशक की सबसे काबिल टीम का दर्जा दिया था.
उनका ये बयान दक्षिण अफ्रीका और इंग्लैंड में गलत साबित हो चुका है और इसे सही साबित करने का ये आखिरी मौका है. जिन चार खिलाड़ियों की अनुभवहीनता की हम बात कर रहे हैं इस साल भारत के बाहर खेले गए टेस्ट मैचों में उनके प्रदर्शन का ग्राफ देखिए...
इस साल विदेशी टेस्ट में इस चौकड़ी का प्रदर्शन
ये आंकड़े बताते हैं कि जसप्रीत बुमराह टीम इंडिया के लिए टेस्ट सीरीज में कितने अहम खिलाड़ी होंगे. बुमराह को लेकर चिंता इसलिए भी है क्योंकि उनके जोड़ीदार भुवनेश्वर कुमार भी ऑस्ट्रेलिया में सिर्फ एक टेस्ट मैच ही खेले हैं. जिसमें उन्हें सिर्फ एक विकेट मिला था. स्थितियां बताती हैं कि इन दोनों ही गेंदबाजों को अपने सीनियर ईशांत शर्मा से टिप्स लेनी होंगी.
ऑस्ट्रेलिया में कोकाबुरा की गेंद से खेल होगा. जिसको लेकर टीम इंडिया काफी चर्चा में रहती है. शुरूआत के 15-20 ओवर में जब गेंद ‘हार्ड’ होती है तब टीम को कामयाबी दिलाना इनकी जिम्मेदारी होगी. इसके अलावा टेस्ट टीम में कुलदीप यादव को शायद ही मौका मिले लेकिन बाकि मैचों में उन पर नजर रहेगी.ऋषभ पंत को अति आक्रामकता से बचना होगा.
इस बात का ख्याल रखना होगा कि बड़ी से बड़ी पारी अगर टीम के काम ना आए तो उसका महत्व कम हो जाता है. आपको याद होगा कि इंग्लैंड दौरे पर उन्होंने आखिरी टेस्ट मैच में शतक लगाने के बाद मैच को ड्रॉ कराने की चुनौती को स्वीकार ही नहीं किया. नजर पृथ्वी शॉ पर इसलिए रहेगी क्योंकि घरेलू मैदान पर उन्होंने बहुत बेहतरीन डेब्यू किया था. उनकी तुलना सचिन तेंडुलकर और वीरेंद्र सहवाग जैसे दिग्गज खिलाड़ियों से की जा चुकी है. सौ की सीधी बात इतनी है कि अगर विराट कोहली बतौर कप्तान अपने इन चार खिलाड़ियों को ऑस्ट्रेलिया के हौव्वे से निकाल पाए तो टीम इंडिया मैदान में अलग नजर आएगी.
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