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नरसिंह पर लगा 4 साल का बैन, नहीं ले पाएंगे ओलंपिक में हिस्सा

आज शुक्रवार को फ्रांस के पहलवान जेलिमखान के साथ होना था नरसिंह का मुकाबला.

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भारतीय पहलवान नरसिंह यादव पर डोपिंग मामले में चार साल का बैन लगाया गया है. ब्राजील के CAS (कोर्ट ऑफ ऑर्बिट्रेशन फॉर स्पोर्टस) ने गुरुवार को लंबी बहस के बाद ये फैसला सुनाया है.

CAS ने WADA की अपील पर सुनाया फैसला

CAS ने पहलवान नरसिंह यादव को डोपिंग मामले में ‘नाडा’ क्लीन चिट दिए जाने के खिलाफ दायर विश्व डोपिंग निरोधी एजेंसी (वाडा) की अपील को स्वीकार करते हुए फैसला सुनाया.

इस मामले को देख रहे CAS के पैनल ने सभी पक्षों और उनके प्रतिनिधियों की दलीलें सुनीं. सभी पक्षों को इस बात की सूचना दे दी गई कि नरसिंह के खिलाफ दायर अपील को स्वीकार कर लिया गया है और नरसिंह पर चार साल का प्रतिबंध लगाया गया है. प्रतिबंध गुरुवार से मान्य हो गया है.
CAS का फैसला

वाडा ने अपनी अपील में नरसिंह को राष्ट्रीय डोपिंग निरोधी एजेंसी (नाडा) द्वारा क्लीन चिट दिए जाने को गलत करार दिया था और उन पर प्रतिबंधित दवाओं के सेवन को लेकर चार साल का प्रतिबंध लगाने की मांग की थी.


CAS के फैसले के बाद अब नरसिंह ओलंपिक या किसी अन्य अंतर्राष्ट्रीय आयोजन में हिस्सा लेने के योग्य नहीं रह गए हैं. CAS ने यह भी कहा कि 25 जून 2016 के बाद दर्ज नरसिंह के सभी प्रतियोगी परिणामों को रद्द किया जाता है.

शुक्रवार को होना था नरसिंह का मुकाबला

रियो ओलंपिक में 74 किलोग्राम वर्ग फ्री स्टाइल कुश्ती में शुक्रवार को नरसिंह का मुकाबला फ्रांस के जेलिमखान के साथ होना था. लेकिन अब CAS का फैसला आने के बाद नरसिंह रियो से बाहर हो गए हैं.

यह बेहद दुखद और दुर्भाग्यपूर्ण है. हम सुनवाई के अंतिम चरण तक आशान्वित थे. हमें उम्मीद थी कि नरसिंह को क्लीन चिट मिल जाएगी लेकिन ऐसा हो नहीं सका. यह बेहद दुखदाई है क्योंकि नरसिंह में पदक जीतने की क्षमता है.
राकेश गुप्ता, भारतीय प्रतिनिधिमंडल के प्रमुख

नाडा ने बीते महीने नरसिंह को प्रतिबंधित दवाओं के सेवन के आरोपों से मुक्त किया था और इसके बाद अंतर्राष्ट्रीय कुश्ती महासंघ ने नरसिंह को ओलंपिक में हिस्सा लेने की अनुमति प्रदान की थी.

नाडा ने कहा था कि नरसिंह अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी की साजिश का शिकार हुए हैं लेकिन CAS ने इसे नकार दिया और अपने बयान में कहा कि इस बात के कोई सबूत नहीं है कि नरसिंह ने जो किया है वह अनजाने में हुआ है और इनमें उनका कोई दोष नहीं है. ऐसे में उन पर तयशुदा चार साल का प्रतिबंध लगाया जाता है.

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