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निराश न हो जीतू: हार के बाद जीत का अलग ही मजा है

जीतू राय 50 मीटर पिस्टर कैटगरी में 12वें स्थान पर रहे

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ओलंपिक खेलों में बुधवार को निशानेबाज जीतू राय एक और स्पर्धा से बाहर हो गए और भारत की पदक की उम्मीदें टूट गईं.

जीतू ओलंपिक शूटिंग सेंटर में हुए 50 मीटर पिस्टल क्वालिफिकेशन राउंड में 12वें स्थान पर रहे और फाइनल में प्रवेश नहीं कर सके.

हार से निराश जीतू राय ने मीडिया को बताया,

मैंने अपने देश का सर नीचा कर दिया. शूटिंग सेंटर पर हवा चल रही थी, लेकिन मैं कोई बहाना नहीं बनाना चाहता.

50 मीटर पिस्टल कैटगरी को में भारतीय खेल प्रेमियों को उनसे पदक की उम्मीद थी. जीतू पांच सीरीज तक अच्छा खेल रहे थे. उन्होंने शुरुआती पांच सीरीज में 92, 95, 90, 94, 95 का स्कोर कर पांचवें स्थान पर चल रहे थे. इस बीच उन्होंने नौ बार बीचोबीच निशाना लगाया और पूरे अंक हासिल किए.

लेकिन छठे सीरीज में उनका प्रदर्शन निराशाजनक रहा और 88 का स्कोर करते हुए वह 12वें स्थान पर खिसक गए.

गौरतलब है कि जीतू ने इससे पहले किसी भी स्तर की प्रतियोगिता में 88 इतना कम स्कोर नहीं किया था.

चेहरे पर साफ झलक रही थी निराशा

आखिरी सीरीज में खराब प्रदर्शन कर जीतू पीछे रखी कुर्सी पर निराशा की हालत में बैठ गए. शायद अपने प्रदर्शन पर ही हैरान थे कि आखिरी के तीन शॉट ने उन्हें कैसे फाइनल की रेस से बाहर कर दिया था.

भारतीय राष्ट्रीय राइफल संघ (एनआरएआई) के अध्यक्ष रणिंदर सिंह ने जीतू की हार पर हैरानी जताई है.

रणिंदर ने कहा, “मैं बिल्कुल हैरान रह गया. मुझे समझ में नहीं आ रहा कि क्या कहूं. मैंने जीतू को इससे पहले आखिरी क्षणों में इतना खराब शॉट लगाते कभी नहीं देखा. शायद वह हवा की गति और दिशा को समझने में पूरी तरह असफल रहे. मैं समझ सकता हूं कि आपका कोई एक शॉट खराब चला जाए. लेकिन तीन-तीन शॉट? यह तो हद से खराब प्रदर्शन है. इससे पहले अन्य प्रतियोगिताओं में उसने शानदार प्रदर्शन किए हैं.

हम तो जीतू राय से यही कहेंगे की हार से सीखकर आगे बढ़ना ही जिंदगी है. ओलंपिक में हार से एक खिलाड़ी का करियर नहीं खत्म हो जाता.

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