जस्टिस लोढ़ा कमेटी की रिपोर्ट आज सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में पेश हुई. इस रिपोर्ट में बीसीसीआई की इमेज सुधारने के लिए अहम सुझाव दिए गए हैं.
तीन जजों वाली इस कमेटी में रिटायर्ड जज आरएम लोढ़ा, रिटायर्ड जज अशोक भान और रिटायर्ड जज आरवी रविंद्रन शामिल थे. अब सुप्रीम कोर्ट को ये तय करना है कि कमेटी द्वारा दिए गए सुझाव बीसीसीआई पर लागू होंगे या नहीं.
एक राज्य-एक वोट
जस्टिस लोढ़ा कमेटी ने सुझाव दिया है कि एक राज्य में सिर्फ एक ही क्रिकेट एसोशिएसन बनाए जाने की अनुमति होगी. इससे एक राज्य की तरफ से बीसीसीआई में सिर्फ एक ही वोट दिया जा सकेगा. अन्य यूनिट्स जैसे रेलवे, सीसीआई, एनसीसी आदि सर्विसेज को वोट देने का अधिकार नहीं होगा.
इससे महाराष्ट्र जैसे प्रदेश प्रभावित होंगे जहां महाराष्ट्र क्रिकट एसोशिएसन, मुंबई क्रिकेट एसोशिएसन और विदर्भ क्रिकेट एसोशिएसन हैं. इस सुझाव के मान्य होने के बाद महाराष्ट्र की सिर्फ एक ही बॉडी बीसीसीआई में वोट दे पाएगी.
बीसीसीआई में कोई मंत्री नहीं
लोढ़ा समिति की रिपोर्ट के अनुसार बीसीसीआई के शीर्ष पदों में कोई भी मंत्री स्तर का नेता या सरकारी अधिकारी शामिल नहीं होगा. इन शीर्ष पदों में अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, सयुंक्त सचिव और कोषाध्यक्ष शामिल हैं. इन पदों पर आसीन होने वाले व्यक्तियों की आयु 70 वर्ष से कम होने के साथ वो दीवालिया भी नहीं होना चाहिए.
अधिकतम तीन कार्यकाल
बीसीसीआई अधिकारियों के कार्यकाल के संबंध में सुझाव दिया गया है कि कोई भी पदाधिकारी अधिकतम तीन साल और तीन बार अपने पद पर रह सकता है. इसके साथ ही अध्यक्ष पद पर अधिकतम 2 साल तक रहा जा सकता है.
आईपीएल और बीसीसीआई के लिए अलग गवर्निंग बॉडी
लोढ़ा समिति ने आईपीएल और बीसीसीआई के लिए अलग-अलग गवर्निंग बॉडी बनाने का सुझाव दिया है. आईपीएल की काउंसिल में 9 सदस्य शामिल होंगे. इनमें बीसीसीआई सेक्रेटरी और कोषाध्यक्ष पूर्व बीसीसीआई सदस्य होंगे.
वहीं, दो अन्य सदस्यों को पूर्णकालिक सदस्यों द्वारा चुना जाएगा. दो अन्य सदस्य फ्रेंचाइजी द्वारा नामित होंगे. इसके साथ ही एक सदस्य प्लेयर एसोशिएसन और एक सदस्य कैग द्वारा नामित व्यक्ति होगा.
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