छह बार की वर्ल्ड चैंपियन भारतीय महिला मुक्केबाज एमसी मैरीकॉम का मानना है कि बड़े टूर्नामेंट से पहले मुक्केबाजों के ट्रायल की प्रक्रिया पर फिर से विचार करने की जरूरत है.
हाल ही में वर्ल्ड चैंपियनशिप के लिए हुए ट्रायल में मैरीकॉम को 51 किग्रा वर्ग के ट्रायल में एशियाई चैंपियनशिप की ब्रॉन्ज मेडल विजेता निकहत जरीन से भिड़ना था.
लेकिन भारतीय मुक्केबाजी महासंघ (बीएफआई) ने ट्रायल को रद्द कर दिया था और उनके प्रदर्शन के आधार पर उनका नाम वर्ल्ड चैंपियनशिप के लिए भेज दिया था. ट्रायल नहीं होने पर जरीन ने विरोध जताया था.
मैरीकॉम ने अखिल भारतीय गेमिंग महासंघ (एआईएफएफ) द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम के मौके पर कहा,
“यह मेरे हाथ में नहीं है. यह बीएफआई पर निर्भर है. हो सकता है कि इसमें बदलाव हो. जो अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं, उन्हें सीधे ही किसी भी टूर्नामेंट के लिए कोटा मिल जाना चाहिए.”
36 वर्षीय मैरीकॉम ने बैडमिंटन का उदाहरण देते हुए कहा,
“दूसरे खेलों में ट्रायल्स नहीं हैं. क्या सायना नेहवाल या पी. वी. सिंधु ने अब तक ट्रायल दिया? ट्रायल देना कभी कभार, अजीब सा भी लगता है. मैंने साफ तौर पर बताया कि अधिकारियों को तय करना चाहिए कि कौन बेहतर कर रहा है.”
मैरीकॉम ने विश्व चैंपियनशिप के लिए सीधे अपना नाम भेजने और ट्रायल्स रद्द रने में अपनी किसी भी भूमिका से इनकार किया.
उन्होंने कहा, "इसके बारे में बीएफआई से पूछें. इस तरह से फैसले मैं खुद नहीं ले सकती. इस फैसले में मेरी कोई भी भूमिका नहीं थी. यह सबकुछ बीएफआई के हाथों में है."
मैरीकॉम विश्व चैंपियनशिप में अब तक छह गोल्ड और एक सिल्वर मेडल जीत चुकी हैं. इस साल वर्ल्ड चैंपियनशिप का आयोजन रूस के उलान-उडे में तीन से 13 अक्टूबर तक होना है.
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