महान तैराक और ओलंपिक इतिहास में 28 मेडल जीत चुके माइकल फेल्प्स डिप्रेशन का शिकार रहे हैं. मंगलवार को फेल्पस ने खुलासा करते हुए बताया कि किस तरह वो दुनिया में खूब नाम कमाने के बाद भी दुखी थे और डिप्रेशन का शिकार हो गए. सिर्फ इतना ही नहीं फेल्पस की जिंदगी में एक बार वो वक्त भी आया जब उन्होंने खुद की जिंदगी खत्म करने के बारे में भी सोचा.
अमेरिका के शिकागो में एक मेंटल हेल्थ कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए 23 बार के ओलंपिक गोल्ड विजेता ने बताया कि हर एक ओलंपिक इवेंट के बाद वो डिप्रेशन में चले जाते थे.
32 साल के इस चैंपियन स्विमर ने कहा कि, “हर एक ओलंपिक के बाद, मैं बहुत बुरी तरह से डिप्रेशन में चला जाता था.” फेल्प्स ने बताया कि 2012 लंदन ओलंपिक में 4 गोल्ड मेडल और 2 सिल्वर जीतने के बाद उन्होंने चार दिन तक अपने आप को कमरे में बंद कर लिया था. उन्होंने बताया कि वो स्विमिंग छोड़ना चाहते थे और जिंदा रहने की उनके अंदर कोई भी इच्छा नहीं थी.
फेल्प्स जो ओलंपिक में 28 मेडल जीत चुके हैं, उन्होंने कहा कि खुद को ठीक करने के लिए उन्होंने ड्रग्स और शराब का भी सहारा लिया. फेल्पस के मुताबिक वो रोज खुद अपने आप से जूझते थे और चीजों को ठीक करने की कोशिश करते थे.
दुनिया के सबसे महान ओलंपियन में से एक फेल्प्स कहते हैं कि दिमागी बीमारी को कमजोरी की तरह नहीं देखा जाना चाहिए. फेल्पस ने कहा कि ये अच्छी बात है कि लोग अब इसके बारे में बात करते हैं और इसे सीरियस तरीके से समझते हैं. इस महान स्विमर के मुताबिक जितना लोग बात करेंगे उतना ही इस बीमारी से जूझ रहे लोगों को फायदा होगा. फेल्पस ने साल 2016 में रियो ओलंपिक के बाद खेल से संन्यास ले लिया था. रियो में उन्होंने 5 गोल्ड और 1 सिल्वर मेडल जीता था.
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