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धोनी के बल्ले से चैंपियन्स ट्रॉफी में होगी ‘रनवर्षा’, IPL भूल जाइए

आंकड़े बताते हैं कि फिलहाल वनडे फॉर्मेट में धोनी जैसा कोई नहीं, चैंपियंस ट्रॉफी में गेंदबाजों की खैर नहीं !

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भारतीय टीम ने 2017 चैंपियंस ट्रॉफी के पहले प्रैक्टिस गेम में न्यूजीलैंड को हराया और अपने सफर का शानदार आगाज किया. विराट कोहली की सेना ने न्यूजीलैंड को 189 रनों पर आउट किया और बल्लेबाजी करते वक्त बारिश से प्रभावित मैच में बड़ी आसानी से लक्ष्य को हासिल किया.

इस पूरे मैच के दौरान पूर्व क्रिकेटर संजय मांजरेकर ने ट्विटर पर बहुत ही दिलचस्प रिएक्शन दिया.

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हो सकता है कि संजय अभी हाल ही में खत्म हुए आईपीएल को ध्यान में रखकर ऐसी बात कर रहे हों. शिखर धवन को छोड़कर, कोई भी भारतीय बल्लेबाज टॉप-12 में शामिल नहीं था. हालांकि ये बात ध्यान में रखने की जरूरत है कि भारत को दो और टॉप बल्लेबाज विराट कोहली (4 अर्धशतक) और रोहित शर्मा (3 अर्धशतक) ने भी आईपीएल में कई अहम पारियां खेलीं. ऐसे में हालात इतने भी बुरे नहीं जितना संजय बता रहे हैं.

संजय के अलावा कई और लोगों ने भी पिछले दिनों एमएस धोनी और युवराज सिंह जैसे खिलाड़ियों की फॉर्म पर सवाल उठाए थे. ये बात तो सच है कि धोनी और युवराज ने आईपीएल में अच्छा प्रदर्शन नहीं किया.

आंकड़े बताते हैं कि फिलहाल वनडे फॉर्मेट में धोनी जैसा कोई नहीं, चैंपियंस ट्रॉफी में गेंदबाजों की खैर नहीं !
(फोटो: The Quint)

अगर आईपीएल 2017 में धोनी की पारियों को ध्यान से देखा जाए तो क्रीज पर वो परेशान ही दिखे. खासकर पारी की शुरुआत में वो स्पिनर्स को ठीक से नहीं खेल पाए और बहुत सारी बॉल डॉट की.

लेकिन ये बात भी नहीं भूलनी चाहिए कि जब एक बार धोनी की आंखें जम गई और आखिरी ओवरों में उन्हें तेज गेंदबाजी खेलने का मौका मिला तो उन्होंने अपनी धीमी पारी को अचानक से छठे गियर में पहुंचा दिया. आपको जानकर हैरानी होगी कि आईपीएल में आखिरी 3 ओवर में उनका स्ट्राइक रेट 198.21 का था.

आंकड़े बताते हैं कि फिलहाल वनडे फॉर्मेट में धोनी जैसा कोई नहीं, चैंपियंस ट्रॉफी में गेंदबाजों की खैर नहीं !
(फोटो: The Quint)

आईपीएल वाला धोनी Vs टीम इंडिया का माही


आईपीएल 2017 के दौरान धोनी किसी कशमकश में फंसे हुए दिखाई देते थे. उनपर दबाव था कि वो क्रीज पर आते ही पहले की तरह ताबड़तोड़ पारी खेलें लेकिन वो कभी भी चौथे और पांचवे गियर में अपनी पारी शुरू नहीं कर पाए. आईपीएल के इस सीजन में वो वैसा कुछ नहीं कर पाए जैसा वो हमेशा से करते आए हैं.

लेकिन, 50 ओवर क्रिकेट एक बिल्कुल ही अलग फॉर्मेट है. इसमें टीमों का कॉम्बीनेशन अलग होता है, खेल अलग दिशा से चलता है और यहां एक बल्लेबाज के पास अपनी पारी संवारने के लिए काफी वक्त होता है.

50 ओवर और टी-20, इन दोनों ही फॉर्मेट में अगर धोनी की पिछले 12 महीनों की परफॉर्मेंस को करीब से देखा जाए तो घरेलू और अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में माही का प्रदर्शन काफी अलग ही रहा.

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आंकड़े बताते हैं कि फिलहाल वनडे फॉर्मेट में धोनी जैसा कोई नहीं, चैंपियंस ट्रॉफी में गेंदबाजों की खैर नहीं !
(फोटो: The Quint)

अगर टी-20 फॉर्मेट में पहली के तुलना में धोनी का स्ट्राइक रेट और औसत गिरा है तो वहीं 50 ओवर क्रिकेट में उनका ग्राफ बार पहले से ज्यादा उठा है.

वनडे फॉर्मेट में धोनी को पारी संवारने के लिए वक्त मिलता है. चाहे वो पहले बल्लेबाजी कर रहे हों या लक्ष्य का पीछा कर रहे हों. ये फॉर्मेट उन्हें कुछ डॉट बॉल खेलकर अपनी आंखें जमाने का वक्त देता है. फील्ड पाबंदियां उन्हें सिंगल-डबल लेने और गैप में से रन चुराने का मौका देती हैं, और फिर आखिरी ओवर में माही बाउंड्री लगाने में माहिर तो हैं ही. साथ ही इस फॉर्मेट में नंबर 4,5 पर बल्लेबाजी करते हुए अब उनपर ये दबाव नहीं है कि मैच में वो ही फिनिशर की भूमिका अदा करेंगे. उनसे नीचे भी कई युवा खिलाड़ी बल्लेबाजी करते हैं जिनपर ये सब जिम्मेदारियां हैं.

तो संजय और ट्विटर पर मौजूद दूसरे लोगों से मैं यही कहूंगा कि धोनी पर विश्वास कीजिए. उनके आईपीएल फॉर्म को खतरे की घंटी न समझा जाए.

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