भारतीय क्रिकेट टीम के लिए तो साल 2018 बहुत अच्छा रहा लेकिन एक खिलाड़ी है जो अपने क्रिकेट करियर में बीते साल को एक खराब दौर के तौर पर देखेगा. वो क्रिकेटर है - एमएस धोनी.
इसमें कोई शक नहीं कि भारतीय क्रिकेट इतिहास में धोनी जैसा कोई विकेटकीपर-बल्लेबाज नहीं हुआ, लेकिन साल 2018 में उनका बल्ला पूरी तरह से रूठा हुआ है.
इस साल धोनी ने टीम इंडिया के लिए 20 वनडे मैच खेले. इस दौरान न उन्होंने कोई शतक लगाया और न ही अर्धशतक. औसत रहा 25 का और रन बनाए सिर्फ 275. ये आंकड़े उस खिलाड़ी के हैं जिसका करियर औसत 50 से ज्यादा का है.
बल्लेबाजी औसत के लिहाज से 2018 धोनी के वनडे करियर का सबसे खराब साल है. इससे पहले उनकी सबसे कम औसत 2016 में रही थी, जब उन्होंने 13 मैचों में 27.80 की औसत से 278 रन बनाए थे. वरना अपने करियर में हर साल उनका औसत 40 से ज्यादा ही रहा है.
स्ट्राइक रेट भी बहुत खराब
साल 2018 में सिर्फ औसत ही नहीं बल्कि स्ट्राइक रेट के लिहाज से भी धोनी के लिए बहुत खराब रहा. धोनी ने इस साल सिर्फ 71.42 के हल्के स्ट्राइक रेट से रन बनाए. धोनी बहुत ही एग्रेसिव खिलाड़ी माने जाते हैं और डेथ ओवर्स में उनसे बढ़िया फिनिशर किसी को नहीं कहा जाता लेकिन इस साल गेंद को बाउंड्री पार करने में वो विफल ही रहे. उन्होंने अभी तक साल 2018 में केवल 19 चौके और 2 छक्के ही लगाए हैं.
विकेटकीपिंग में अब भी धोनी का कोई सानी नहीं लेकिन बल्लेबाजी के मामले में उनके दिन खराब ही चल रहे हैं.
टी20 में दिखाया दम
हालांकि टी20 में उनका अंतरराष्ट्रीय फॉर्म अच्छा रहा. माही ने 7 मैचों की 5 पारियों में 41 की अच्छी औसत के साथ 123 रन बनाए. इस दौरान उन्होंने एक अर्धशतक भी लगाया और 155.69 के जबरदस्त स्ट्राइक रेट के साथ बल्लेबाजी की. धोनी ने साल 2018 में आईपीएल में अपनी फ्रैंचाइजी को विजेता बनाया था.
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