विराट कोहली जी जरा ध्यान देना! क्रिकेट में फील्ड अंपायरों के पास अब एक नई पावर आ गई है, यदि आपने फील्ड पर ज्यादा लड़ाई-झगड़ा या फिर बद्तमीजी दिखाई तो अंपायर फील्ड से बाहर भेज देगा.
सिर्फ इतना ही नहीं, क्रिकेट के नए नियमों के तहत 1 अक्टूबर से टेदर बेल्स यानि विकेट से बंधी हुई बेल्स का इस्तेमाल होगा ताकि विकेटकीपरों की आंखों में लग रही चोटों से बचा जा सके.
नए नियमों के मुताबिक फील्ड पर अंपायरों को पूरा अधिकार होगा कि वो खराब व्यवहार करने वाले खिलाड़ियों को पर्मानेंट तरीके या फिर थोड़ी देर के लिए मैच से बाहर कर सकते हैं. इसके अलावा अंपायर के पास खिलाड़ी की टीम के पेनल्टी के रूप में 5 रन काटने का भी अधिकार होगा.
इंग्लैंड के MCC यानि मेरीलेबोन क्रिकेट क्लब ने ये नए नियम निकाले हैं.
अगर कप्तान खराब व्यवहार करने वाले अपने खिलाड़ी को नहीं हटाता है तो अंपायर विरोधी टीम को मैच जीता हुआ दे सकता है. अगर दोनों ही कप्तान अंपायर की बात नहीं मानेंगे तो मुकाबले को रद्द कर दिया जाएगा.
एमसीसी, जो खेल के नियमों की देखभाल करता है, उन्होंने ‘हैंडल्ड द बॉल’ के नियम को भी ‘ऑबस्ट्रक्टिंग द फील्ड’ यानि खेल में रुकावट वाले नियम से जोड़कर क्रिकेट में आउट होने के 10 तरीकों को अब 9 में बदल दिया है. साथ ही एमसीसी ने बल्ले की मोटाई-चौड़ाई और सबस्टिट्यूट विकेटकीपर के नियम को भी हरी झंडी दे दी है.
साथ ही टेदर बेल्स यानि विकेट से बंधी हुई बेल्स का इस्तेमाल करने के नियम को भी हरी झंडी मिल गई है. आपको बता दें कि 2012 में दक्षिण अफ्रीका के विकेटकीपर मार्क बाउचर की आंख में बेल्स लगने से उनका करियर ही खत्म हो गया था.
खिलाड़ियों की सेफ्टी पर पूरा ध्यान
- मार्क बाउचर की बाईं आंख में बेल्स लगने से उन्हें गंभीर चोट लगी थी. 2012 में दक्षिण अफ्रीका के इंग्लैंड दौरे पर बाउचर को पहले ही मैच में चोट लगी थी. उसके बाद उनकी एक बड़ी सर्जरी हुई और उन्हें रिटायरमेंट लेनी पड़ी.
- भारत के पूर्व कप्तान एम एस धोनी की दाईं आंख में भी बेल्स लग चुकी है. जिम्बाब्वे के खिलाफ टी-20 में एक बड़ा शॉट खेलने के चक्कर में धोनी को आंख में चोट लग गई थी.
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