इंडियन क्रिकेट टीम के नए हेड कोच रवि शास्त्री, भरत अरुण को बॉलिंग कोच के तौर पर वापसी के लिए कह सकते हैं. बीसीसीआई की तरफ से बतौर बॉलिंग कोच जहीर खान की मौजूदगी के बाद भी शास्त्री ऐसा कर सकते हैं.
बॉलिंग कोच के लिए शास्त्री की पहली पसंद अरुण ही थे और अब ये साफ हो गया है कि क्रिकेट सलाहकार समिति (CAC) ने गेंदबाजी कोच के लिए जहीर के नाम की सिफारिश करते समय शास्त्री को विश्वास में नहीं लिया था. हालांकि, जहीर की भूमिका भी राहुल द्रविड़ जैसी ही सलाहकार की होगी.
‘’फिर मुझे जैसन गिलेस्पी दे दो’’
बताया जा रहा है कि जहीर पूरे 250 दिन का समय नहीं दे पाएंगे जो कि एक फुलटाइम कोच के लिए जरूरी है. वो 100 दिन से अधिक समय के लिए उपलब्ध नहीं रहेंगे. यही नहीं जहीर की सैलरी पैकेज भी अभी तय नहीं हुई है और इस पर बातचीत चल रही है.
इससे पहले शास्त्री से जब गेंदबाजी कोच के तौर पर उनकी पसंद पूछी गई तो उन्होंने अरुण का नाम लिया लेकिन CAC के एक मेंबर इसके खिलाफ थे.
शास्त्री ने इसके बाद कहा, ‘ ‘फिर मुझे जैसन गिलेस्पी दे दो. ‘ ‘ शास्त्री समझते थे कि बीसीसीआई गिलेस्पी जैसे कोच को नहीं ले सकता जिनसे पहले ही पापुआ न्यूगिनी ने कॉन्ट्रेक्ट कर रखा है.
BCCI ने वेंकेटेश प्रसाद का नाम भी स्टैंड बाई के रुप में रखा है लेकिन लगता है कि शास्त्री, अरुण के अलावा किसी दूसरे के नाम पर सहमत नहीं होंगे. प्रसाद को हो सकता है कि इंडियन टीम में पसंद नहीं किया जाए क्योंकि अपने पहले के कार्यकाल के दौरान उनको लेकर शिकायत थी कि उन्होंने तेज बॉलर्स को लाइन व लेंथ वाले मीडियम पेस के बॉलर्स में बदल दिया.
(इनपुट: भाषा)
हमें अपने मन की बातें बताना तो खूब पसंद है. लेकिन हम अपनी मातृभाषा में ऐसा कितनी बार करते हैं? क्विंट स्वतंत्रता दिवस पर आपको दे रहा है मौका, खुल के बोल... 'BOL' के जरिए आप अपनी भाषा में गा सकते हैं, लिख सकते हैं, कविता सुना सकते हैं. आपको जो भी पसंद हो, हमें bol@thequint.com भेजें या 9910181818 पर WhatsApp करें.
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)