साल के चौथे और अंतिम ग्रैंड स्लैम के फाइनल में अपने 24वें ग्रैंड स्लैम खिताब के लिए संघर्ष करने वाली दिग्गज टेनिस खिलाड़ी सेरेना विलियम्स मैच के दौरान अंपायर पर बिफर पड़ीं. सेरेना ने इस दौरान अंपायर पर लैंगिक भेदभाव का आरोप लगाते हुए उन्हें चोर करार दिया. इस मैच में जापान की 20 वर्षीया टेनिस खिलाड़ी नाओमी ओसाका ने सेरेना को सीधे सेटों में 6-2, 6-4 से हराकर अमेरिकी ओपन का खिताब जीता और सेरेना अपने 24वें ग्रैंड स्लैंम खिताब को जीतने से चूक गईं.
फाइनल मैच के दूसरे सेट में अंपायर पर भड़कीं सेरेना पर कोचिंग के उल्लंघन का आरोप लगा. इसके साथ उन्हें रैकेड अब्यूज के लिए पेनल्टी अंक भी मिला. सेरेना को मैच के दौरान अंपायर को चोर और झूठा कहने के लिए गेम पेनल्टी भी मिली.
अमेरिका की 36 वर्षीया टेनिस खिलाड़ी ने कहा, “मैं यहां महिलाओं के अधिकारों और एकता के लिए लड़ रही हूं. मैं इस लड़ाई को जारी रखूंगी.” सेरेना ने कहा कि यह पहले भी उनके साथ हुआ है और यह सही नहीं. उन्होंने पुर्तगाल के अंपायर को कहा, “तुम झूठे हो. जब तक तुम जिंदा हो, तुम मेरे मैच के दौरान कोर्ट पर नजर नहीं आओगे. मुझसे तुम माफी कब मांगने वाले हो?”
अमेरिका की 12 ग्रैंड स्लैम विजेता और महिला टेनिस संघ (डब्ल्यूटीए) की संस्थापकों में से एक बिली जीन किंग ने इस मामले पर सेरेना का समर्थन करते हुए कहा, "जब एक महिला भावुक होती है, तो उस पर इसके लिए पेनल्टी लगा दी जाती है. जब कोई आदमी ऐसा करता है, तो उसे स्पष्ट माना जाता है और इस पर कोई प्रतिक्रिया नहीं होती"
सेरेना का शुक्रिया अदा करते हुए जीन ने कहा कि ऐसे दोहरे व्यक्तित्व के खिलाफ और भी आवाजें उठाए जाने की जरूरत है.
--आईएएनएस
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