गुरूवार को महिला क्रिकेट विश्व कप में खेले गए दूसरे सेमीफाइनल में भारत ने ऑस्ट्रेलिया को करारी मात दी और फाइनल में जगह बनाई. भारत की ओर से हरमनप्रीत कौर ने धमाकेदार बल्लेबाजी करते हुए सिर्फ 115 गेंदों पर 171 रनों की पारी खेली और फाइनल में पहुंचने में मदद की.
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सोशल मीडिया, न्यूज चैनल हर जगह लोग सिर्फ हरमनप्रीत के बारे में बात कर रहे हैं लेकिन फाइनल तक के सफर में कई और खिलाड़ी रहे जिन्होंने जबरदस्त प्रदर्शन किया. आइए नजर डालते हैं हरमनप्रीत के अलावा 4 उन खिलाड़ियों पर जिन्होंने टीम इंडिया को फाइनल तक पहुंचने में मदद की.
मिताली राज
कप्तान मिताली राज ने पूरी टीम को फ्रंट से लीड किया. फिलहाल वो टूर्नामेंट में दूसरी सबसे ज्यादा रन बनाने वाली बल्लेबाज हैं. दबाव में रहते हुए उन्होंने दो जबरदस्त पारियां खेलीं.
ओपनिंग मैच में इंग्लैंड के खिलाफ उन्होंने 73 गेंदों पर 71 रन ठोके और भारत ने 50 ओवर में 281/3 का बड़ा स्कोर खड़ा किया. भारत ने वो मैच 35 रनों से जीता.
उनकी अगली बढ़िया पारी न्यूजीलैंड के खिलाफ आई जब उन्होंने 123 गेंदों पर 109 रन बनाए और टीम को करो या मरो वाले मुकाबले में में जीत दिलाकर सेमीफाइनल में जगह बनाई.
पूनम राउत
पूनम राउत टूर्नामेंट में 295 रन बनाकर तीसरी सबसे सफल बल्लेबाज हैं. अब तक एक सेंचुरी और हाफ सेंचुरी बना चुकी पूनम ने शानदार बल्लेबाजी की है.
पाकिस्तान के खिलाफ मुश्किल हालातों में उन्होंने 72 गेंदों पर 47 रन बनाए और टीम को 169/9 के सफल स्कोर तक पहुंचाया. ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ लीग मैच में जब सभी भारतीय बल्लेबाज संघर्ष कर रहे थे तो पूनम ने शानदार शतक जड़ते हुए 136 गेंदों पर 106 रन बनाए.
दीप्ति शर्मा
दीप्ति शर्मा टूर्नामेंट में भारत की सबसे सफल गेंदबाज रही हैं. ये ऑफ स्पिनर 27.58 की औसत के साथ 12 विकेट ले चुकी हैं और सबसे ज्यादा विकेट लेने के मामले में चौथे नंबर पर हैं. इस दौरान उनका इकोनॉमी रेट 4.75 का रहा.
19 साल की इस युवा गेंदबाज ने अपनी सबसे अच्छी परफॉर्मेंस इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया जैसी दो मजबूत टीमों के खिलाफ दी. दोनों ही मैचों में उन्होंने 3-3 विकेट लिए. दीप्ति ने टूर्नामेंट में शानदार बल्लेबाजी भी की है और कुल 202 रन बनाए जिसमें एक अर्धशतक भी शामिल है.
स्मृति मंधना
स्मृति मंधना ने टूर्नामेंट में भारत को शानदार शुरुआत दी. उन्होंने इंग्लैंड के खिलाफ सिर्फ 70 गेंदों पर 90 रन बनाए और फिर वेस्टइंडीज के खिलाफ शानदार शतक जड़ा.
उसके बाद हांलाकि मंधना अपने बल्ले से खास कमाल नहीं कर पाईं लेकिन टूर्नामेंट की शुरुआत में टीम को हौसला बढ़ाने वाला काम उन्हीं ने किया. स्मृति से उम्मीद है कि वो फाइनल में इंग्लैंड के खिलाफ वैसा ही प्रदर्शन दोहराएं जैसा उन्होंने टूर्नामेंट के शुरुआत में दिखाया था.
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