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क्रिकेट के ‘युवराज’ की कहानी, मां शबनम बता रही हैं सीक्रेट

युवराज सिंह आज कर सकते हैं संन्यास का ऐलान. 

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क्रिकेट के मैदान में बॉलरों के छक्के छुड़ाने से लेकर कैंसर जैसी बीमारी को मात देकर फाइटर बने युवराज वाकई हमारे देश के युवराज हैं. युवराज ने देश को कई सौगातें दी हैं. इसकी शुरुआत उन्होंने अपने जिंदगी के सबसे पहले वर्ल्ड कप से कर दिया था. जनवरी 2000 में उन्होंने अंडर-19 वर्ल्ड कप में देश को चैंपियन बनाया और मैन ऑफ द टूर्नामेंट बने.

युवराज सिंह 2011 वर्ल्ड कप में मैन ऑफ द टूर्नामेंट रहे थे, उन्होंने 9 मैचों में 90.5 के जबरदस्त एवरेज से 362 रन बनाए थे, उन्होंने 15 विकेट भी झटके थे. 2011 का वर्ल्ड कप जहां पूरे देश और खुद युवराज के लिए खुशियां लेकर आया, वहीं उसी साल युवराज की जिंदगी में एक ऐसे तूफान ने दस्तक दी, जिसने उनकी पूरी जिंदगी ही बदल दी.

युवराज ने अपनी जिंदगी में तमाम उतार-चढ़ाव देखे. कभी कामयाबी की ऊंचाइयां छुईं, तो कभी कैंसर जैसी गंभीर बीमारी से भी लड़े. युवराज की मां शबनम सिंह हमेशा अपने बेटे के साथ उनकी ढाल बनकर खड़ी रहीं.

कैंसर ने बदल दी युवराज की जिंदगी

2011 के वर्ल्ड कप के दौरान युवराज को कई बार खून की उल्टियां हुईं, लेकिन वो टीम इंडिया को वर्ल्ड कप जिताने के मिशन में लगे रहे. वर्ल्ड कप का खिताब जीतने के बाद अभी युवराज ने ढंग से खुशी भी नहीं मनाई थी, कि उन्हें पता चला कि वो कैंसर से पीड़ित हैं.

उसके बाद युवराज की जिंदगी का सबसे मुश्किल दौर शुरू हुआ, जब वो उस बेइतहां दर्द से गुजरे, उस मुश्किल घड़ी में युवराज की मां शबनम सिंह ने अपने बेटे को संभाला और लंबे इलाज के बाद आखिर युवराज ने कैंसर जैसी बीमारी को भी मात दे दी.

(वीड‍ियो एडिटर: हितेश सिंह)

( डिस्क्लेमर - ये वीडियो पहली बार मदर्स डे के मौके पर पब्लिश किया गया था.)

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