टाटा की गाड़ियों को टाटा क्यों कर रहे हैं लोग? जरा देखिए
- नैनो बंद?
- इंडिका गायब
- टिगोर नहीं चली
- नेक्सॉन को पूछने वाले बहुत कम
टाटा मोटर्स को ऑक्सीजन सप्लाई होती है जैगुआर लैंड रोवर से लेकिन वो भी तूफान में फंस गई है. टाटा मोटर्स संकट से निकलने की जितनी कोशिश कर रही है, उतनी ही जैसे दलदल में घिरती जा रही है.
क्या है सबूत ?
अरे भई इसका सबसे बड़ा सबूत है शेयर का भाव जो साल भर में करीब आधा हो गया है. शेयर बाजार में दिलचस्पी रखने वालों को जरूर मालूम होगा कि साल भर में टाटा मोटर्स का शेयर 40 फीसदी साफ हो चुका है.
टाटा मोटर्स का भाव पिछले साल (2017) दो अगस्त को 440 रुपए था लेकिन इस साल (2018) दो अगस्त को ये सिर्फ 260 रुपए का रह गया है. कंपनी परेशानी के दलदल से निकलने की कोशिश में फंसती जा रही है.
क्यों आ गया संकट
- सबसे कमाऊ मॉडल जैगुआर और रेंज रोवर की बिक्री में ग्रोथ थमी
- टाटा मोटर्स की करीब 80% कमाई सिर्फ जैगुआर-रेंज रोवर से
- जून तिमाही में 9 साल में सबसे ज्यादा नुकसान
- कई महीनों से बिक्री की ग्रोथ में सिंगल डिजिट बढ़ोतरी
- यूरोप में डीजल कारों के भविष्य पर तलवार लटकी
- कारों पर इंपोर्ट ड्यूटी कम होने की उम्मीद में चीन के लोगों ने कार खरीदना टाला
- चीन में जैगुआर और रेंज रोवर गाड़ियों में भारी डिस्काउंट
फोरेक्स घाटा
ब्रिटिश पौंड के मुकाबले अमेरिकी डॉलर में उठापटक से कंपनी को बहुत नुकसान उठाना पड़ा है. खर्चा बढ़ता जा रहा है और उसके मुकाबले मुनाफा थमने से नुकसान बढ़ता जा रहा है.
टाटा मोटर्स के अच्छे दिन आने वाले नहीं?
जब ज्यादातर जानकार टाटा मोटर्स को खरीदने की सलाह दे रहे थे तब ब्रोकरेज हाउस CLSA की ऑटो एनालिस्ट नीति मंगल ने पिछले साल (2017) फरवरी में इसे बेचने की सलाह दी थी. उस वक्त शेयर का भाव 500 रुपए था अब शेयर का भाव 265 रुपए रह गया है.
CLSA तो अभी भी कह रहा है कि टाटा मोटर्स का शेयर और गिरेगा. 250 रुपए तक जा सकता है. चीन, यूरोप और अमेरिका तीनों बड़े बाजारों में अचानक जैगुआर, रेंज रोवर की डिमांड कम हो गई है.
इसके साथ ही जैगुआर, रेंज रोवर के ज्यादातर मॉडल पुराने हैं. पॉल्यूशन की वजह से डीजल गाड़ियों को लेकर यूरोप में बंदिशें बढ़ने लगी हैं.
टाटा मोटर्स का ताज जेएलआर अब कंपनी के लिए बोझ सा बनने लगा है. चमत्कार करने के लिए कंपनी के पास ज्यादा वक्त भी नहीं है. लेकिन अमेरिका में ट्रेड वॉर और ब्रेक्जिट की वजह से उसके रास्ते में स्पीडब्रेकर ज्यादा हैं
(इनपुट: ब्लूमबर्ग क्विंट)
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