ADVERTISEMENTREMOVE AD

iPhone के 11 मॉडल्स ने कैसे बदल दी Apple की सूरत

आखिर कैसे एक स्मार्टफोन के आइडिया ने Apple को दुनिया की सबसे कीमती कंपनी बना दी

Updated
story-hero-img
i
छोटा
मध्यम
बड़ा
Hindi Female

तारीख 9 जनवरी, 2007 पहले iPhone को लॉन्च करते समय Apple के को-फाउंडर ने कहा था: ‘’हम इतिहास बनाने जा रहे हैं.’’

खैर, उस वक्त इस लाइन कीमत कम ही लोगों को समझ आई थी. लेकिन अब iPhone की दुनियाभर में दीवानगी ने स्टीव जॉब्स के हर शब्द को सच साबित कर दिया है. हाल ही में कंपनी का मार्केट कैप्टलाइजेशन 800 अरब डॉलर यानी करीब 52 लाख करोड़ रुपये के पार पहुंच गया था.

कई देशों की कुल इकोनॉमी भी इसके आस-पास नहीं ठहरती. ये पहली ऐसी कंपनी थी जिसकी मार्केट वैल्यू 800 अरब डॉलर के पार पहुंच गई थी. इसमें सबसे बड़ा योगदान रहा iPhone का, जानते हैं कैसे iPhone ने बदल दी एपल की तस्वीर:

ADVERTISEMENTREMOVE AD
0

10 साल में 10 गुना का इजाफा

आखिर कैसे एक स्मार्टफोन के आइडिया ने Apple को दुनिया की सबसे कीमती कंपनी बना दी
(फोटो: Pixabay)

साल 1976 में बनी एपल कंपनी 41 साल की हो चुकी है, जब स्टीव जॉब्स और स्टीव वोजोनिक ने इस कंपनी की शुरुआत की तो उन्हें नहीं पता था कि वो ऐसी दुनिया खड़ी करने जा रहे हैं जहां उनका बनाया प्रोडक्ट, सामान से बढ़कर 'स्टेटस सिंबल' बन जाएगा.

iPhone के लॉन्च यानी 2007 से पहली एपल का ज्यादातर रेवेन्यू मैक कम्प्यूटर्स और आईपॉड्स पर ही निर्भर था, फाइनेंशियल ईयर साल 2006 में कंपनी का रेवेन्यू 19 बिलियन डॉलर था.
आखिर कैसे एक स्मार्टफोन के आइडिया ने Apple को दुनिया की सबसे कीमती कंपनी बना दी

फिर आया आईफोन जिसने कंपनी को पूरी तरह से बदल दिया. महज 10 साल के अंदर कंपनी का रेवेन्यू 10 गुना से भी ज्यादा हो गया. फाइनेंशियल ईयर 2016 में कंपनी का रेवेन्यू 216 बिलियन डॉलर पहुंच गया. इसमें से 63.4 फीसदी की हिस्सेदारी सिर्फ iPhone की ही थी.

इन्वेस्टर्स को कितना होता फायदा ?

फॉर्च्युन की एक रिपोर्ट में अनुमान लगाया गया है कि अगर किसी इंवेस्टर ने पहल आईफोन के ही दिन एपल के स्टॉक में 100 डॉलर इन्वेस्ट किया होता तो आज उस स्टेक की कीमत करीब 1,358 डॉलर होता. ऐसे में जिसने उस वक्त पैसा लगाया हुआ था आज उनकी बल्ले बल्ले है.

ADVERTISEMENTREMOVE AD

iPhone में ऐसा क्या खास है?

साल 2003 के दौरान एपल कंपनी मैक कम्प्यूटर्स को और खास बनाने के लिए उसके स्क्रीन पर काम कर रही थी. ये वो दौर था जब मोबाइल फोन का मार्केट हथियाने की शुरुआत हुई थी. ऐसे में कंपनी ने नया सिक्रेट प्रोजेक्ट शुरू किया नाम दिया गया-'प्रोजेक्ट पर्पल'.

हजारों इंजीनियर्स की टीम लगातार काम कर रही थी. पूरी टीम का सपना सच हुआ और पहला iPhone मल्टीटच फीचर के साथ लॉन्च हुआ, आज इसे टच स्क्रीन भी कहा जाता है. 8GB की इंटरनल मेमोरी वाले इस स्मार्टफोन को जल्द ही अपग्रेड करने इसका नया 3G मॉडल भी लॉन्च किया गया. इसके बाद एक के बाद एक कंपनी ने 11 मॉडल लॉन्च किए. अब 12वें की बारी है.

(हैलो दोस्तों! हमारे Telegram चैनल से जुड़े रहिए यहां)

Published: 
सत्ता से सच बोलने के लिए आप जैसे सहयोगियों की जरूरत होती है
मेंबर बनें
अधिक पढ़ें
×
×