मार्केट रिसर्च फर्म इंटरनेशनल डेटा कॉर्पोरेशन (IDC) के मुताबिक, देश के स्मार्टफोन सेक्टर में चीनी कंपनियों का दबदबा कायम है. दूसरी तिमाही में 54 फीसदी मार्केट शेयर श्याओमी, वीवो, ओपो जैसी चीनी कंपनियों का रहा. वहीं भारतीय स्मार्टफोन वेंडर कंपनियों का शेयर महज 15 फीसदी ही रहा.
रिपोर्ट के मुताबिक, दूसरी तिमाही (अप्रैल-जून) के दौरान कुल 2.8 करोड़ स्मार्टफोन की बिक्री हई, जो तिमाही दर तिमाही आधार पर 3.7 फीसदी की ग्रोथ रेट है, साल-दर-साल की बात करें तो ये ग्रोथ रेट 1.6 फीसदी की ग्रोथ रेट है.
मार्केट शेयर में सैमसंग, श्याओमी ने बाजी मारी
मार्केट शेयर के लिहाज से पहला स्थान साउथ कोरिया की कंपनी सैमसंग का रहा. हालांकि, इसी अवधि के दौरान पिछले साल के मुकाबले सैमसंग का मार्केट शेयर 4 फीसदी गिरा है.
वहीं चीनी कंपनी श्याओमी का इस मामले में दूसरा स्थान है. चीन की ही वीवो और ओपो तीसरे और चौथे स्थान पर रहे.
चीनी कंपनियों पर सरकार की निगाह
बता दें कि केंद्र सरकार ने 21 स्मार्टफोन कंपनियों को नोटिस भेजकर यूजर्स के डेटा सिक्योरिटी पर जवाब मांगा है. सरकार ने जिन कंपनियों को नोटिस भेजा है, उनमें ज्यादातर चाइनीज फोन कंपनियां हैं.
मिनिस्ट्री ऑफ इलेक्ट्रॉनिक्स एंड इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी ने जिन 21 कंपनियों को नोटिस जारी किया है, उनमें चीनी स्मार्टफोन कंपनी वीवो, ओप्पो, श्याओमी और जियोनी भी शामिल है.
पर्सनल इंफॉर्मेशन चोरी की आशंका
सरकार ने डेटा चोरी की आशंका को ध्यान में रखते हुए ये फैसला लिया है. सरकार को डर है कि चाइनीज स्मार्टफोन यूजर्स की पर्सनल इंफॉर्मेशन चोरी की जा सकती है. इसी को ध्यान में रखते हुए सरकार ने चाइना फोन मेकर्स को नोटिस में जारी कर पूछा है कि आखिर उनके स्मार्टफोन में यूजर्स के डेटा को लेकर क्या सुरक्षा इंतजाम हैं.
चीनी कंपनियों के अलावा इन्हें भी भेजा गया नोटिस
चीनी कंपनियों के अलावा ऐपल, सैमसंग और भारतीय कंपनी माइक्रोमैक्स समेत 21 कंपनियों को भी नोटिस भेजा गया है. सभी कंपनियों को 28 अगस्त तक का जवाब दाखिल करने का समय दिया गया है.
(इनपुट: एजेंसियां)
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