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फ्रीडम 251: ‘दुनिया का सबसे सस्ता फोन’ या सस्ती पब्लिसिटी

क्या है फ्रीडम 251 का सच?

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अच्छे स्मार्टफोन भारत में मंहगे हैं. कम दाम में बेहतर फीचर्स के दावे के साथ चीनी कंपनियां बाजार में उतरीं और 10 हजार से भी कम कीमत में सैमसंग और एचटीसी जैसे फोन आपको हर किसी के हाथ में दिख जाएंगे.

अब 2016 में एक भारतीय कंपनी ने ये दावा किया है कि वो सिर्फ 251 रुपए में फ्रीडम-251 नाम का स्मार्टफोन बेचने जा रही है. मतलब जितने का रिचार्ज कराते हैं उतने में एक नया फोन आ गया.


क्या फ्रीडम 251 सच में एक अच्छा फोन है?

स्नैपशॉट

क्या है कंपनी का दावा और फोन के फीचर्स?

  • फ्रीडम 251 3जी सपोर्ट करता है.
  • यह डुअल सिम है और एंड्रॉयड 5.1 लॉलीपॉप पर चलता है.
  • फोन के साथ एक साल की वारंटी भी.
  • फोन की स्क्रीन 4 इंच की जो WVGA IPS को सपोर्ट करती है.
  • देशभर में 650 सर्विस सेंटर होने का दावा.
  • फोन में 1.3 गीगाहर्टज क्‍वाडकोर प्रोसेसर.
  • 1जीबी रैम और 8 जीबी इंटरनल मेमोरी है.
  • इंटरनल मेमोरी को 32 जीबी तक बढ़ाया जा सकता है.
  • फोटो खींचने के शौकीनों के लिए इसमें फ्रंट और बैक दोनों कैमरे हैं.
  • फ्रंट कैमरा 0.3 जबकि बैक कैमरा 3.2 मेगापिक्सल से लैस.

हमारी तहकीकात क्या कहती है?

  • बाजार में पहले से ही ये फोन उपलब्ध है.
  • गूगल पर ‘Adcom Ikon 4’ टाइप कीजिए और खुद देख लीजिए.
  • फ्लिपकार्ट पर ये फोन 4,081 रुपए का मिल रहा है.
  • Adcom Ikon एक 4G फोन है
  • जबकि फ्रीडम 251 एक 3जी फोन है.
  • फ्रीडम ने एप्पल की कॉपी भी की है.
  • इसका इंटरफेस आईफोन जैसा है.
क्या है फ्रीडम 251 का सच?
Adcom Ikon 4 और फ्रीडम 251 एक ही फोन है. (फोटो: The Quint)

यही नहीं अगर आप लॉन्च इवेंट पर इस फोन को बनाने वाली कंपनी के सीईओ मोहित गोयल और धारना गोयल की तस्वीरें देखेंगे तो आपको साफ नजर आएगा कि उन्होंने बड़ी सफाई से Adcom का लोगो छिपा लिया है.

क्या है फ्रीडम 251 का सच?
लॉन्च के दौरान कंपनी के सीईओ और उनकी पत्नी. (फोटो: PTI)

फ्रीडम 251 एक ऐसा फोन है जिसे नए नाम से तीन भारतीय स्कीमों के तहत बेचा जा रहा है. मेक इन इंडिया, डिजिटल इंडिया और स्टार्ट-अप इंडिया.

Ringing Bells कंपनी जिसने इस फोन को बनाया है वो खुद वजूद में 2015 में आई है और नोएडा से ऑपरेट करती है. हम और हैरान जब हो जाते हैं जब ये पता चलता है कि स्वच्छ भारत, वुमेन सेफ्टी, वॉट्स एप, फेसबुक और ट्विटर पहले से ही फोन में मौजूद रहेंगे.

क्या ये एक नए घोटाले की दस्तक है?

अलार्म बजा क्या?

कंपनी ये दावा करती है कि नोएडा और उत्तराखंड में 250-300 करोड़ में उसने दो यूनिट लगाए हैं. कंपनी एक महीने में 5 लाख यूनिट बनाने का प्लान कर रही है जिसके लिए 3 और प्लांट खोले जाएंगे. मतलब एक महीने में बाजार में 25 लाख फ्रीडम फोन होंगे.

कंपनी का कहना है कि इस प्रोजक्ट को सफल बनाने के लिए सरकार और कंपनी को एकसाथ काम करना होगा. अब आपको तो पीएम मोदी के फंडिंग प्लान के बारे में तो पता ही होगा, जिसके जरिए सरकार डिजिटल इंडिया, स्टार्ट-अप इंडिया और मेक इन इंडिया को प्रमोट करेगी.

अब ये पता लगाने वाली बात है कि कौन इस फोन का बाकी का खर्च उठाकर इसे 251 रुपए में बेचने के लायक बना रहा है?

कंपनी भारतीय स्मार्टफोन मार्केट के 30 फीसदी पर कब्जा भी करना चाहती है और 2016 के आखिर तक इस लक्ष्य को पूरा भी करना चाहती है. कीमत तो ठीक है लेकिन इतने फोन कंपनी लाएगी कहां से?

कंपनी ने लॉन्च नोट में कहा था कि लॉन्चिंग इवेंट में रक्षा मंत्री मनोहर पारिर्कर भी शिरकत करेंगे लेकिन रक्षा मंत्री इवेंट में नहीं आए. हां बीजेपी के वरिष्ठ नेता मुरली मनोहर जोशी जरुर मौजूद थे.

बुकिंग 24 घंटे के लिए


गुरुवार सुबह इस फोन की बुकिंग शुरू हुई है लेकिन फोन खरीदने वालों को निराशा ही हाथ लगी. कंपनी ने चंद घंटों के बाद वेबसाइट पर ये जानकारी दी कि ज्यादा ट्रैफिक की वजह से बुकिंग बंद हो गई है और 24 घंटे में फिर से शुरू की जाएगी.

मैं तो मैक- डोनल्ड्स का एक मील खाना पसंद करुंगा इस फोन को लेने के बजाय. क्यों? क्योंकि ये मेक इन इंडिया फोन नहीं है. इसका नाम बदलकर भारत में बेचा जा रहा है.

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