नोकिया और एप्पल के बीच पेटेंट को लेकर चल रही लड़ाई में नोकिया को बड़ी जीत हासिल हुई है. आईफोन बनाने वाली कंपनी एप्पल को मामले को सुलझाने के लिए नोकिया को 200 करोड़ डॉलर (लगभग 12 हजार 800 करोड़ रुपये) देने पड़े. दरअसल पेटेंट को लेकर दोनों कंपनियां कोर्ट पहुंच गई थीं लेकिन फिर दोनों ने आपसी सहमति से मामले को सुलझा लिया है.
क्या है पूरा मामला?
साल 2016 के दिसंबर महीने में पेटेंट को लेकर एप्पल और नोकिया के बीच लड़ाई शुरू हुई थी. जब एप्पल ने नोकिया की तरफ से काम करने वाली एक थर्ड पार्टी कंपनी पर पेंटेट को लेकर एंटी-ट्रस्ट मुकदमा दायर किया था.
एप्पल ने यह भी आरोप लगाया था कि जब नोकिया का फोन बिजनेस डूब रहा था तब नोकिया ने पेटेंट का दावा करने वाली कुछ कंपनियों केसाथ ‘इल्लीगल पेटेंट ट्रांसफर स्कीम’ के जरिए एप्पल से पैसे निकालने के लिए प्लान बनाया था.
इस इल्जाम के बाद नोकिया ने एप्पल के खिलाफ मुकदमा दायर कर दिया था और आरोप लगाया था कि एप्पल नोकिया के पेटेंट का उल्लंघन कर रही है.
2011 में एप्पल और नोकिया के बीच हुई था डील
साल 2011 में एप्पल और नोकिया ने लाइसेंसिंग डील की था. नोकिया ने अपने पेटेंट के इस्तेमाल के लिए एप्पल को लाइसेंस लेने के लिए कहा था जिसे एप्पल ने पहले ही ठुकरा दिया था.
फिर नोकिया ने एप्पल पर आरोप लगाया था कि ऐपल बिना किसी इजाजत के चोरी से उसकी पेटेंट टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल कर रहा है. नोकिया ने एप्पल पर कुल 32 पेटेंट चोरी करने का आरोप लगाया था.
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