अगर आप रिलायंस जियो यूजर हैं या जियो का सिम लेने की सोच रहे हैं, तो ये आपके लिए है. रिलायंस के फाउंडर मुकेश अंबानी ने ऑफिशियल लॉन्चिंग के वक्त घोषणा की थी कि रिलायंस जियो साल के अंत तक 10 करोड़ यूजर बना लेगी. ये ध्यान में रखते हुए ही जियो 31 दिसंबर तक फ्री इंटरनेट दे रही है.
लेकिन रिलायंस की योजनाएं जियो यूजर्स की उम्मीदों पर खरा उतरती नजर नहीं आ रही हैं. जियो की इंटरनेट स्पीड में मुकेश अंबानी के दावे के मुताबिक सबसे तेज होने की बजाए धीमी है.
रिलायंस जियो के बिजनेस मॉडल के मुताबिक, जियो कस्टमर्स की संख्या बढ़ाए बिना लाभ कमाने की स्थिति में नहीं पहुंचने वाली है. फिलहाल जियो के पास 3 से 4 करोड़ कस्टमर्स हैं. ऐसे में जब रिलायंस के टैरिफ प्लान कमोबेस अन्य टेलीकॉम ऑपरेटर्स जैसे ही हैं और स्पीड कम है.
पीएम नरेंद्र मोदी के नोटबंदी के फैसले ने भी रिलायंस की मुश्किलें बढ़ा दी हैं, क्योंकि रिलायंस ने रिलायंस डिजिटल स्टोर पर भी सिम उपलब्ध कराना शुरू कर दिया है. लेकिन नोटबंदी से मॉल और मार्केट में फुटफॉल घट गया है.
ऐसे में रिलायंस के पास अपने यूजर्स बढ़ाने के लिए वेलकम ऑफर बढ़ाना ही एकमात्र तरीका नजर आता है.
क्या कहते हैं एक्सपर्ट्स?
रिलायंस जियो के कस्टमर के इस मुद्दे पर एक्सपर्ट्स की इस बात से सहमत हैं कि रिलायंस के लिए आगे की डगर कठिन होने जा रही है.
मोतीलाल ओसवाल रिपोर्ट कहती है, रिलायंस जियो आउटलेट्स को शिकायतें मिल रही हैं कि पिछले तीन महीनों में डेटा स्पीड 70 से 80% तक गिर गई है.
मोतीलाल ओसवाल रिपोर्ट ये भी कहती है कि रिलायंस जियो को लाभ की स्थिति में पहुंचने में कम से कम 8 से 9 साल लगेंगे.
ऐसे में रिलायंस के पास वेलकम ऑफर आगे बढ़ाने के सिवा कोई और चारा दिखाई नहीं देता है.
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