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Jio की तैयारी अधूरी, कॉल ड्रॉप के लिए हम जिम्‍मेदार नहीं: एयरटेल

एयरटेल ने जियो को कुल 3,048 पीओआई मुहैया कराए थे, लेकिन उनमें से केवल 2,484 ही चल रहे हैं.

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भारती एयरटेल का कहना है कि रिलायंस जियो को 2 से 2.5 करोड़ ग्राहकों के लिए पर्याप्त पॉइंट ऑफ इंटरकनेक्‍ट (पीओआई) दे दिए गए हैं. उसके बाद भी कंपनी अभी तक अपनी पूरी क्षमता कायम नहीं कर पाई है, क्योंकि वह अभी इसके लिए तैयार नहीं है.

एयरटेल ने 26 सितंबर को जियो को लेटर लिखकर जियो की तरफ से तैयारी की कमी का हवाला दिया था.

पीओआई की वृद्धि को लेकर 13 सितंबर को हुई हमारी द्विपक्षीय बैठक के बाद हमने इंटरकनेक्टेड लिंक के ट्रैफिक आंकड़ों की स्‍टडी की. साथ ही आपकी अनुमानित क्षमता का भी अध्ययन किया. हमने आपको कुल 3,048 पीओआई मुहैया कराए, लेकिन उनमें से केवल 2,484 ही चल रहे हैं. इसका कारण जियो की तरफ से तैयारी, टेस्‍ट और ट्रायल की कमी है.
एयरटेल का जियो को लिखा लेटर

इससे पहले रिलायंस ने 18 अगस्त को एयरटेल, वोडाफोन और आइडिया पर कम पीओआई देने का आरोप लगाया था.

कुल 12,500 पीओआई की जरूरत है. लेकिन तीनों कंपनियां मिलकर केवल 1,400 पीओआई ही दे रही हैं. इसका नतीजा है कि हमारे ग्राहकों की रोजना 12 करोड़ कॉल फेल हो रही हैं, जब वे एयरटेल, वोडाफोन और आइडिया के नेटवर्क पर कॉल लगाते हैं.
रिलायंस इंडस्ट्री

क्या होता है पॉइंट ऑफ इंटरकनेक्‍ट (POI)

जब हम एक नेटवर्क से दूसरे नेटवर्क पर फोन करते हैं, तो नेटवर्क बदल जाता है और प्वाइंट इंटरकनेक्‍ट इसमें अहम भूमिका निभाता है. जितना ज्यादा पॉइंट ऑफ इंटरकनेक्‍ट होगा, उतनी ही कॉल ड्रॉप कम होगी.

मान लीजिए A के पास आइडिया का कनेक्शन है और B के पास वोडाफोन कनेक्शन है. A (आइडिया) अगर B (वोडाफोन) को फोन करता है, लेकिन वोडाफोन आइडिया को पॉइंट ऑफ इंटरकनेक्‍ट नहीं देता, तो आइडिया की कॉल ड्रॉप हो जाएगी.

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