इंडियन टेलिकॉम मार्केट में जियो की एंट्री के बाद टियर 2 शहरों में लो-रेंज VoLTE फोन के प्रति लोगों का क्रेज बढ़ा है. कानपुर, लखनऊ और लुधियाना जैसे शहरों से स्मार्टफोन यूजर्स इंटरनेट पर 5 से 15 हजार रुपये वाले 4G स्मार्टफोनों की तलाश कर रहे हैं. इसकी वजह रिलायंस जियो के 4G नेटवर्क की छोटे-छोटे कस्बों से लेकर दिल्ली-मुंबई जैसे बड़े शहरों में भी मौजूदगी है.
यूपी का कानपुर, झारखंड का देवघर और मध्यप्रदेश का भिंड उन जिलों में आते हैं जहां कुछ महीने पहले तक 4G तो क्या 3G इंटरनेट भी ढंग से अवेलेबल नहीं था. इन शहरों में इंटरनेट के नाम पर 2G नेटवर्क अवेलेबल था. लेकिन जियो आने के बाद से इन शहरों के साथ-साथ यूपी-बिहार के छोटे-छोटे कस्बों तक भी 4G इंटरनेट पहुंच चुका है.
क्विंट हिंदी ने भी इनमें से कुछ इलाकों में पहुंचकर जियो नेटवर्क पर वॉइस कॉल क्वालिटी और इंटरनेट स्पीड को टेस्ट किया है. वॉइस कॉल काफी साफ और एचडी क्वालिटी की है.
फ्री में 4G इंटरनेट के बाद लोगों को चाहिए 4G स्मार्टफोन
रिलायंस जियो के वेलकम ऑफर के तहत जियो यूजर्स 31 दिसंबर तक फ्री में हाईस्पीड इंटरनेट यूज कर रहे हैं. लेकिन जियो यूज करने की शर्त ये है कि स्मार्टफोन में 4G होना जरूरी है. अगर फोन में VoLTE भी है तो और बढ़िया. ऐसे में इन शहरों में सस्ते 4G फोन्स की डिमांड बढ़ रही है.
इंटरनेट पर भी छाया जियो का जलवा
टेक्नोलॉजी ब्लॉग चलाने वाले कई ब्लॉगर्स का कहना है कि पिछले तीन महीनों से उनके ब्लॉग पर आने वाले ट्रैफिक में जियो का बड़ा हिस्सा शामिल है. इन ब्लॉगर्स के मुताबिक, छोटे-छोटे शहरों से लोग 5000 रुपये से सस्ते 4G फीचर वाले फोन तलाश रहे हैं. गूगल ट्रैंड्स पर नजर डालें तो ये दावा ठीक नजर आता है.
स्मार्टफोन मेकर्स ने समझा इशारा - बदली स्मार्टफोन रेंज
इंडियन और चीनी स्मार्टफोन मेकर्स भी जियो आने के बाद मार्केट की बदली हुई दशा और दिशा को समझ रहे हैं.
सायबरमीडिया रिसर्च के मुताबिक, सितंबर में खत्म होने वाली तिमाही में इंडिया में 1 करोड़ 40 लाख VoLTE फोन आए हैं. ये आंकड़ा पिछले क्वार्टर के मुकाबले दोगुना है. इसके साथ ही कुल इम्पोर्ट स्मार्टफोनों में से 70% 4G फीचर से लैस हैं.
लो प्राइस रेंज स्मार्टफोन मेकर पेनासोनिक ने भी मार्केट के हालात को देखते हुए अपने 11 4G इनेबल्ड स्मार्टफोन मॉडल्स को VoLTE के साथ लॉन्च किया है.
चीनी स्मार्टफोन मेकर्स ने मारी बाजी
रिसर्च फर्म केनेलिस के मुताबिक, साल दर साल भारत आने वाले श्याओमी स्मार्टफोन्स की संख्या 170% के रेट से बढ़ रही है. वहीं, एक अन्य रिसर्च फर्म कहती है कि जनवरी-मार्च क्वार्टर के 21 मार्केट शेयर की अपेक्षा जुलाई-सितंबर क्वार्टर में चाइनीज कंपनियों का मार्केट शेयर 36 परसेंट पहुंच गया है. वहीं माइक्रोमैक्स का मार्केट शेयर 17% से घटकर 6.4% पर आ गया है. मार्केट लीडर सैमसंग का मार्केट शेयर 29% से घटकर 21.6% पर आ गया है.
ऐसे में इंडियन टेलिकॉम के बदले हुए माहौल का सबसे ज्यादा फायदा चायनीज स्मार्टफोन मेकर्स को होता दिख रहा है.
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