सुरक्षा एजेंसी से जुड़ी एक कंपनी ने रविवार को चेतावनी दी कि शुक्रवार को हुए ग्लोबल साइबर अटैक के बाद दूसरा बड़ा साइबर हमला सोमवार को हो सकता है.
बीते शुक्रवार को हुए ग्लोबल साइबर अटैक से दुनिया भर के 1,25,000 से ज्यादा कंप्यूटर सिस्टम में वायरस आ गया था.
बीबीसी की रिपोर्ट के मुताबिक, ब्रिटेन के सुरक्षा रिसर्चर 'मैलवेयर टेक' ने भविष्यवाणी की कि दूसरा हमला सोमवार को होने की संभावना है. मैलवेयर टेक ने रैनसमवेयर हमले को सीमित करने में मदद की है.
इस वायरस ने यूजर्स की फाइलों को अपने कंट्रोल में ले लिया. यह वायरस स्पेन, फ्रांस और रूस सहित 100 देशों में फैल गया है. इंग्लैंड में 48 राष्ट्रीय स्वास्थ्य सेवाएं (एनएचएस) ट्रस्ट व स्कॉटलैंड के 13 एनएचएस कंपनी इसकी शिकार हुई हैं.
अस्पतालों की सेवाएं करनी पड़ी रद्द
कंप्यूटरों को कंट्रोल में लेने के बाद वायरस ने एक मैसिज दिया है, जिसमें फाइलों को खोलने और यूजर्स के यूज करने के लिए वर्चुअल मनी में 300 डॉलर बिटक्वाइन के भुगतान की मांग की गई है.
वायरस के फैलने से रोकने के लिए एक डोमेन का पंजीकरण कराए जाने के बाद मैलवेयर टेक का 'आकस्मिक हीरो' के तौर पर स्वागत किया गया. मैलवेयर टेक अपनी पहचान नहीं जाहिर करना चाहता.
बीबीसी से 22 वर्षीय व्यक्ति ने रविवार को कहा,
हमने इसे रोक दिया है, लेकिन कोई दूसरा आ रहा है और इसे हम नहीं रोक पाएंगे.
उन्होंने कहा, “उनके पास इस काम को करने के अच्छे मौके हैं. इस हफ्ते नहीं, लेकिन इसे सोमवार सुबह तक रोकने की संभावना है”
उन्होंने ट्वीट किया, “वन्नाक्रिप्ट का वायरस 1 रोक दिया गया, लेकिन वायरस 2.0 को शायद ही हटाया जा सके. इस हमले से आप तभी सुरक्षित हैं, अगर आप जल्द से जल्द मरम्मत कर सकें.”
जांचकर्ता शुक्रवार को रैनसमवेयर का इस्तेमाल करने वाले का पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं. इसका इस्तेमाल करने वालों को वाना डिक्रिप्टर या वानाक्राई के नाम से जाना जाता है.
ये वायरस माइक्रोसॉफ्ट विंडोज सॉफ्टवेयर की आसानी से हैक होने का लाभ उठाता है, जिसकी पहले अमेरिकी राष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसी द्वारा पहचान की गई थी.
(इनपुट:IANS)
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