कार निर्माता कंपनी जनरल मोटर्स (जीएम) ने घोषणा की है कि वो 2017 के अंत तक भारत में कार बेचना बंद कर देगी और केवल एक्सपोर्ट पर ध्यान देगी. इससे स्पार्क, बीट, एवियो, शेवरले क्रूज और ट्रेल ब्लेजर जैसी कारों की ब्रिक्री बंद हो जाएगी.
इससे पहले अप्रैल में जनरल मोटर्स ने गुजरात के हलोल प्लांट में प्रोडक्शन रोक दिया था. अब कंपनी की शेवरले कार महाराष्ट्र के तालेगांव में बनेगी और एक्सपोर्ट होगी.
1 अरब डॉलर का निवेश पर असर
कंपनी के इस फैसले का असर इसमें काम करने वाले करीब 400 कर्मचारियों पर असर होगा. जनरल मोटर्स ने ये भी ऐलान किया कि भारत में 1 अरब डॉलर का प्रस्तावित निवेश भी अब नहीं होगा.
दो साल पहले ही, अमरेका की सबसे बड़ी ऑटो कंपनियों में शुमार जीएम ने भारत में 1 अरब डॉलर निवेश का ऐलान किया था. कंपनी की योजना भारत को एक्सपोर्ट हब बनाने की थी. लेकिन इसकी गाड़ियों पर कस्टमर के ठंडे रिस्पॉन्स की वजह से संभवत कंपनी ने अपना कारोबार भारत में समेटने का फैसला लिया है.
कई साल से भारत में कारोबार कर रही जीएम ने बीट, सेल, स्पार्क, क्रूज, एन्वॉय, ट्रेलबेजर और टवेरा ब्रांड से अलग-अलग सेगमेंट में अपनी पैठ बनाने की कोशिश की. लेकिन टवेरा को छोड़कर कोई भी गाड़ी भारत के बाजार में कुछ खास नहीं कर पाई. जानकरों का कहना है कि आफ्टर सेल्स सर्विसेज महंगी होने की वजह से जीएम से साथ-साथ फोर्ड और फिएट जैसी दूसरी बड़ी कंपनियों की कारें भी कुछ खास नहीं कर पाईं.
जनरल मोटर्स का कहना है कि कस्टमर सपोर्ट सेंटर जारी रहेंगे. गाड़ियों पर दी गई वॉरंटी भी बनी रहेगी और गाड़ी के पुर्जे में मार्केट में उपलब्ध होंगे.
जनरल मोटर्स की तरफ से कहा गया है कि तालेगांव हब बनेगा और इससे जीएम कोरिया पर फर्क नहीं पड़ेगा. भारत से ज्यादातर कारें मैक्सिको और साऊथ अमेरिका में भेजी जाएंगी. जबकि जीएम कोरिया से नॉर्थ अमेरिका, साऊथ एशिया, ऑस्ट्रेलिया और पाकिस्तान एक्सपोर्ट होंगी.
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