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फेसबुक पर फिर पक्षपात के आरोप, पूर्व कर्मचारी ने किए कई खुलासे, RSS का भी नाम

आरोप लगाने वाली व्हिसलब्लोअर फ्रांसिस हॉगेन कंपनी की पूर्व कर्मचारी रह चुकी हैं.

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सोशल मीडिया की दिग्गज कंपनी फेसबुक (Facebook) की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं. 6 घंटे तक फेसबुक (Facebook), इंस्टाग्राम (Instagram) और वॉटसऐप (Whatsapp) सेवाएं बंद होने से हुए खरबों के नुकसान के झटके से कंपनी उबर भी नहीं पाई थी कि एक बार फिर उसका नाम विवादों में आ गया है.

कंपनी की एक पूर्व कर्मचारी ने सोशल मीडिया दिग्गज के खिलाफ गंभीर आरोप लगाए हैं. कंपनी पर पैसे कमाने के लिए नफरती कंटेट को इग्नोर करने का आरोप लगा है. बड़ी बात ये है कि इस व्हिसिलब्लोअर ने अपने आरोपों में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) का भी नाम लिया है.

फेसबुक की पूर्व कर्मचारी फ्रांसिस हॉगेन ने अमेरिकी सिक्यॉरिटी ऐंड एक्सचेंज कमीशन को दिए दस्तावेज में फेसबुक के साथ-साथ राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) पर भी गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि,

संघ और उससे जुड़े यूजर्स, पेज आदि से नफरत भरी सामग्री का प्रचार-प्रसार किया जाता है. अपने आरोपों के समर्थन में उन्होंने अधिकारियों को दस्तावेज भी सौंपे हैं. मामले में हॉगेन अमेरिकी सीनेट की उपसमिति के सामने भी पेश हुई हैं.
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भारत में मुस्लिमों को निशाना बनाने के आरोप

हॉगेन ने कहा कि शायद राजनीतिक कारणों की वजह इस संगठन से जुड़े कॉन्टेंट की मॉनिटरिंग बढ़ाने पर विचार नहीं किया गया. भारत में मुस्लिमों को निशाना बनाकर किए गए नफरती कॉन्टेंट से जुड़े अंदरुनी दस्तावेजों का हवाला देते हुए उन्होंन कहा कि कई पोस्ट्स में मुसलमानों की तुलना जानवरों से की गई है, इसके अलावा कई कुरान का हवाला देकर अन्य नफरती सामग्री का प्रचार-प्रसार किया गया.

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फेसबुक के सीईओ मार्क जकरबर्ग ने तमाम आरोपों को खारिज करते हुए कंपनी के कर्मचारियों को चिट्ठी लिखी है.

'नफरती सामग्री के खिलाफ कंपनी ने नहीं की कार्रवाई'

हॉगेन ने कहा कि इस तरह की ज्यादातर सामग्री के खिलाफ कंपनी की ओर से कोई कार्रवाई नहीं की गई, क्योंकि कंपनी के पास हिंदी और बंगाली नफरती सामग्री को डिटेक्ट करने के लिए अल्गॉरिदम नहीं है. आपके बता दें कि हॉगेन ने अपने वकीलों के माध्यम से अमेरिकी सिक्यॉरिटी ऐंड एक्सचेंज कमीशन में फेसबुक के खिलाफ कम से 8 शिकायतें दी हैं.

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार कंपनी के सीईओ मार्क जकरबर्ग ने इन तमामों आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए कर्मचारियों को चिट्ठी लिखी है. उन्होंने नफरती सामग्री को बढ़ावा देने, किशोरों की सुरक्षा खतरे में डालने के आरोपों से इनकार किया है.
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पहली बार फेसबुक पर नहीं लगे ऐसे आरोप

इससे पहले भी कई मौकों पर फेसबुक पर गंभीर आरोप लगाए जा चुके हैं. भारत में फेसबुक की पब्लिक पॉलिसी हेड आंखी दास पर पिछले साल आरोप लगा था कि वह बीजेपी से जुड़े हेट कंटेट ब्लॉक करने में पक्षपात करती हैं. उनके खिलाफ कांग्रेस ने कंपनी को शिकायत भी भेजी दी. हालांकि कंपनी ने इन आरोपों को नकार दिया था. लेकिन कुछ दिन बाद ही आंखी ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया था.

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