युवाओं में सुसाइड के बढ़ते मामलों को देख फेसबुक एक नई पहल शुरू करने जा रहा है. अपने यूजर्स को सुसाइड से बचाने के लिए फेसबुक लंबे समय से एक सॉफ्टवेयर पर काम कर रहा है. इस सॉफ्टवेयर के जरिये कंपनी सुसाइड की प्रवृत्ति वाले पोस्ट को स्कैन करेगा और उन पर नजर रखेगा. यही नहीं जरूरत पड़ने पर फेसबुक यूजर्स के लिए मेंटल पीस फैसेलिटी भी मुहैया भी करायेगा.
मंगलवार को फेसबुक ने एक पोस्ट के जरिये ये बात साफ की है कि फेसबुक आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की मदद से लोगों के कमेंट, पोस्ट, शेयरिंग और यहां तक कि फेसबुक लाइव वीडियो की जांच करके ये पता लगाएगा कि कहीं वो सुसाइड करने की तैयारी में तो नहीं है.
आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस पर आधारित इस सॉफ्टवेयर की अमेरिका में सफल टेस्टिंग हो चुकी है. अब फेसबुक इस पैटर्न रिकॉग्नेशन सॉफ्टवेयर का दूसरे देशों में भी शुरू करने जा रहा है.
ये फीचर फेसबुक लाइव के दौरान सुसाइड करने के बारे में सोचने पर भी आपके मंसूबों को भांपकर आपके परिवार और दोस्तों को अलर्ट दे देगा.फेसबुक के फाउंडर मार्क जुकरबर्ग ने इसी साल मार्च में इस फीचर की जानकारी दी थी.मार्क जुकरबर्ग ने लिखा था
‘दुनिया में हर 40 सेकंड में सुसाइड से 1 मौत होती है और 15 से 29 साल के लोगों में यह मौत की दूसरी बड़ी वजह है. एक्सपर्ट्स के मुताबिक, सुसाइड की रोकथाम के लिए सबसे बेहतर तरीकों में से एक ये है कि उन्हें समझाया जाए.
कैसे करेगा काम?
फेसबुक ने इस टूल के लिए एक खास एल्गोरिद्म डेवलप किया है जो फेसबुक यूजर्स के पोस्ट को फिल्टर करेगा. इसके जरिए वार्निंग साइन वाले पोस्ट, कमेंट्स और रिप्लाई को ढूंढा जाएगा. रेड फ्लैग मार्क करने के बाद फेसबुक की टीम अलर्ट हो जाएगी और उस यूजर से संपर्क कर उसकी मदद करेगी.
लाइव वीडियो देख रहे लोगों के पास भी अब उस शख्स से सीधे बात करने और उस वीडियो को रिपोर्ट करने का ऑप्शन मिलेगा. जो शख्स ऐसे वीडियो को रिपोर्ट करेगा फेसबुक उसकी मदद करेगा ताकि वीडियो में दिख रहे शख्स की मदद की जा सके. फेसबुक मैसेंजर के जरिए क्राइसिस सपोर्ट ऑर्गनाइजेशन भी लाइव चैट सपोर्ट देंगे.
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