सूचना एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय से जुड़ी संसद की स्थायी समिति नागरिकों के अधिकारों और निष्पक्षता के मामले में फेसबुक द्वारा दिए गए जवाबों से पूरी तरह संतुष्ट नहीं है और समिति ने इस सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के जवाब को अधूरा मानते हुए फेसबुक इंडिया के अधिकारियों को दोबारा तलब करने का फैसला किया है।
सूत्रों के मुताबिक सूचना एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय से जुड़ी संसद की स्थायी समिति की सोमवार को हुई बैठक में फेसबुक के व्हिसलब्लोअर द्वारा लगाए गए आरोपों को लेकर भी चर्चा हुई। संसदीय समिति द्वारा पूछे गए सवाल का जवाब देते हुए फेसबुक अधिकारियों ने व्हिसलब्लोअर के आरोपों को पूरी तरह से खारिज करते हुए कहा कि उनके पास काम करने के लिए एक पूरी टीम है और इस तरह के आरोपों में कोई सत्यता नहीं है। सूत्रों के मुताबिक समिति ने फेसबुक अधिकारियों से यह भी पूछा कि भारत में इतनी सारी भाषाएं हैं और इसे देखते हुए फेसबुक ने हेट स्पीच और असंसदीय शब्दों की पहचान करने और हटाने को लेकर किस तरह का मैकेनिज्म बना रखा है, कौन सा सॉफ्टवेयर इस्तेमाल करती है।
समिति की बैठक में फेसबुक पर आरोप लगाने वाली व्हिसलब्लोअर सोफी झांग को भी समिति के सामने बुलाने पर चर्चा हुई, हालांकि इस संबंध में अंतिम फैसला लोक सभा अध्यक्ष करेंगे।
सूत्रों के मुताबिक शशि थरूर की अध्यक्षता वाली इस समिति की अगली बैठक में भी फेसबुक के अधिकारियों को तलब किया जाएगा और इसके साथ ही इस पूरे मसले पर सरकार का पक्ष जानने के लिए इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय के अधिकारियों को भी अगली बैठक में बुलाया जाएगा।
दरअसल, फेसबुक की पूर्व डेटा एनालिस्ट और व्हिसलब्लोअर सोफी झांग ने फेसबुक पर पूर्वाग्रह से काम करने और भारत के संदर्भ में उचित कदम नहीं उठाने का आरोप लगाया था। सोफी ने दिल्ली विधानसभा चुनाव को लेकर भी फेसबुक पर गंभीर आरोप लगाए थे.
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