ADVERTISEMENTREMOVE AD

WhatsApp की प्राइवेसी पॉलिसी VS सरकार: क्या भारत बैन लगाएगा?

WhatsApp की नई प्राइवेसी पॉलिसी विवादित क्यों है?

story-hero-img
i
छोटा
मध्यम
बड़ा

भारत सरकार ने मंगलवार, 18 मई को इंस्टेंट मैसेजिंग प्लेटफॉर्म व्हाट्सएप को एक बार फिर विवादित प्राइवेसी पॉलिसी को वापस लेने की चेतावनी दी है.

इस बार, इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (MeitY) ने वॉट्सएप को सात दिन का अल्टीमेटम दिया है. मंत्रालय के सूत्रों ने कहा कि अगर कोई संतोषजनक प्रतिक्रिया नहीं मिलती है, तो कानून के हिसाब से आवश्यक कदम उठाए जाएंगे.

ADVERTISEMENTREMOVE AD

पत्र में क्या लिखा है?

MeitY के पत्र ने मैसेजिंग प्लेटफॉर्म को दो विकल्प दिए हैं.

  • या तो नई प्राइवेसी पॉलिसी को पूरी तरह से वापस लें या

  • एक 'संतोषजनक प्रतिक्रिया' के साथ आएं.

MeitY ने यह भी बताया कि कैसे वॉट्सएप की नई प्राइवेसी पॉलिसी ने भारतीय कानूनों और नियमों के कई प्रावधानों का उल्लंघन किया है.

WhatsApp की नई प्राइवेसी पॉलिसी विवादित क्यों है?

वॉट्सएप पिछले कुछ समय से अपनी प्राइवेसी पॉलिसी की स्वीकृति के लिए जोर दे रहा है और वॉट्सएप की नई पॉलिसी इससे जुड़े प्लेटफॉर्म और इसकी मूल कंपनी, फेसबुक और थर्ड पार्टी को यूजर का मेटाडेटा इस्तेमाल करने की इजाजत देता है. नई पॉलिसी को सभी यूजर्स के लिए अनिवार्य बताया गया है.

द क्विंट ने वॉट्सएप के नए प्राइवेसी अपडेट से जुड़ी चिंताओं को समझने के लिए इंस्टासेफ के को फाउंडर, साइबर पॉलिसी एक्सपर्ट प्रशांत गुरुस्वामी से बात की.

गुरुस्वामी का मानना है कि जब प्राइवेसी पॉलिसी को मामला-दर-मामला आधार पर देखा जाता है, तो ऐसे डेटा का बहुत कम या कोई महत्व नहीं हो सकता है. लेकिन एक बड़े नजरिए से, मैक्रो डेटा ब्लॉक के पहलू की जांच की जाए तो देखेंगे की यूजर्स की गुप्त प्राथमिकताओं को टार्गेट करने के लिए इस्तेमाल किया जा रहा है, यह 'प्राइवेसी पर साफ हमला' हो सकता है.

भारत के डेटा संरक्षण विधेयक पर पिछले कुछ समय से लंबी चर्चा हुई है, और इससे पहले कि न्यायपालिका कॉरपोरेट्स द्वारा गोपनीयता के आक्रमण के उदाहरणों के खिलाफ ठोस रुख अपना सके, इसमें सुधार जरूरी है.
ADVERTISEMENTREMOVE AD

भारत में WhatsApp के पास क्या विकल्प हैं?

यूरोपीय यूजर अभी भी प्राइवेसी पॉलिसी से बाहर निकल सकते हैं, क्योंकि ये विकल्प एक मजबूत जीडीपीआर कानूनों के कारण संभव हुआ है.

इसके बाद जर्मनी ने अपडेट पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दिया और यूरोपीय स्तर पर इसके लिए जोर दिया. जर्मन अधिकारियों ने आगे कहा कि वे उन विशेष परिणामों से अनजान थे जो यूजर्स पर अपडेट के कारण होंगे, यह गोपनीयता घुसपैठ से संबंधित खतरनाक उदाहरण स्थापित कर सकता है.

गुरुस्वामी ने कहा कि वॉट्सएप को यूरोपीय संघ और भारत दोनों में समान नीतियों का पालन करना पड़ सकता है और भारत में भी नए नियमों की स्वीकृति को वैकल्पिक बनाना होगा.

“व्हाट्सएप 450 मिलियन से ज्यादा यूजर के बाजार को खोने का जोखिम नहीं उठा सकता है.”

गुरुस्वामी बताते हैं कि व्हाट्सएप के पास फिलहाल केवल दो विकल्प हैं-

  • मैसेजिंग प्लेटफॉर्म निश्चित रूप से इस विवाद को साफ करने की कोशिश करेगा कि इस अपडेट का इस्तेमाल यूजर प्रोफाइलिंग के लिए किया जा सकता है और यह भी समझाने की कोशिश करेगा कि डेटा प्रोटेक्शन बिल पास होने से पहले वह अपडेट को आगे क्यों बढ़ाना चाहता है.
  • यह पॉलिसी से जुड़े अपडेट को लेकर यूजर को बार-बार भेजने वाल रिमाइंडर मैसेज को भी कम कर सकता है.
ADVERTISEMENTREMOVE AD

क्या भारत WhtasApp को बैन कर सकता है?

साइबर और कानूनी विशेषज्ञों के मुताबिक, दो सरकारी चेतावनियों के बाद वॉट्सएप के लिए नए प्राइवेसी पॉलिसी अपडेट को आगे बढ़ना मुश्किल हो सकता है.

द डायलॉग के निदेशक काजिम रिजवी ने द क्विंट को बताया कि भारत किसी भी ऐप पर प्रतिबंध लगा सकता है, हालांकि वॉट्सएप पर प्रतिबंध लगाना सही नहीं होगा, क्योंकि यह भारत-अमेरिका संबंधों को प्रभावित करेगा.

दूसरी ओर, गुरुस्वामी का मानना है कि भारत जल्द ही जर्मनी के रास्ते पर जा सकता है, अगर वह प्रतिक्रियाओं को संतोषजनक नहीं पाता है, या एक ठोस डेटा संरक्षण विधेयक पारित होने तक अपडेट पर रोक लगाने के लिए मौजूदा अपडेट पर प्रतिबंध लगा सकता है.

द क्विंट ने दिल्ली के वकील मनु शेषाद्री से संपर्क किया जिन्होंने कहा कि सरकार के पास आईटी एक्ट के तहत वॉट्सएप के खिलाफ कार्रवाई करने की बहुत सीमित शक्ति है.

उन्होंने कहा, "यहां तक कि डेटा संरक्षण विधेयक एक ड्राफ्ट स्टेज में है. यह देखा जाना बाकी है कि क्या वॉट्सएप का अपनी गोपनीयता नीति में संशोधन करने का निर्णय निजता के अधिकार का उल्लंघन है जैसा कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा कहा गया है. मैं समझता हूं कि प्रस्तावित बदलावों को निजता के अधिकार के उल्लंघन के रूप में चुनौती को लेकर सुप्रीम कोर्ट के समक्ष कार्यवाही चल रही है. वॉट्सएप के लिए उन बदलावों को करना उचित नहीं होगा, जब प्रश्न सुप्रीम कोर्ट के समक्ष विचाराधीन है."

(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)

Published: 
सत्ता से सच बोलने के लिए आप जैसे सहयोगियों की जरूरत होती है
मेंबर बनें
×
×