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1984 सिख दंगों के जख्म क्या कभी भर पाएंगे?

1984 के दंगो को 3 दशक से ज्यादा हो चले हैं, जख्म भरे नहीं

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साल 1984 में हुए सिख विरोधी दंगो का खौफ उस समय की पीढ़ी के लोगों को आज भी डराता है. आज भी पश्चिम दिल्ली का तिलक विहार विधवाओं की कॉलोनी के नाम से भी जाना जाता है. 1984 के सिख-विरोधी दंगों से 900 से ज्यादा परिवार प्रभावित हुए थे.

पंजाबी पॉपस्टार दिलबाग सिंह दिल्ली के तिलक विहार का लड़का, जो अब सिंगिंग सेंसेशन बन गया है. दंगों के दौरान दिलबाग की उम्र सिर्फ चार साल थी. दिलबाग शायद तिलक विहार से निकली कामयाबी की इकलौती कहानी है लेकिन तिलक विहार के बाकी लोगों की तरह उसके जेहन से भी 1984 सिख दंगों के जख्म नहीं निकल पाए.

दिलबाग सिंह कहते हैं कि उन दंगो के दौरान का सारा हाल उन्होंने अपनी आंखो से देखा था. लोगों पर तलवारें चलाई गईं, डंडे मारे और जिंदा जला दिया गया. 1 से 3 नवंबर 1984 के बीच इंदिरा गांधी की हत्या के बाद भीड़ के हाथों हर परिवार ने अपनों को खोया है.

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