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#SpreadTheLight: चलिए इस दीपावली पैरा-एथलीट श्वेता का सपना सच करें

श्वेता ने पोलियो से दोनों पैर गंवाए. अब अकेली दो बेटों की देखभाल कर रही है, पर देश के लिए गोल्ड मेडल जीतना सपना है. 

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आपका दीपावली प्लान क्या है? सोचिए, सोचिए..ज्यादा से ज्यादा क्या प्लान किया होगा आपने, कार्ड खेलेंगे, ड्रिंक्स पर एंजॉय करेंगे. पोकर नाइट, या फिर बच्चों के साथ पटाखे जलाएंगे. या फिर इतनी मिठाई खऱीद लेंगे कि वजन की चिंता सताने लगेगी. चलिए सीधे मुद्दे पर आते हैं, अगर आपके पास थोड़े फालतू पैसे हैं, तो प्लीज उन्हें बचा लीजिए और किसी और की दीवाली रोशन कर दीजिए. शायद इतना मुश्किल नहीं है न?

Spread The Light के बारे में

पेश है आपके लिए एक आइडिया. क्यों न आप भी किसी की दीपावली रोशन करें द क्विंट के #SpreadTheLight कैंपेन के साथ . त्योहारों के इस सीजन में आप हमारे साथ जुड़ सकते हैं. जितनी जेब इजाजत देती है उतने पैसे डोनेट कर सकते हैं, शायद हमारी पारा एथलीट श्वेता शर्मा की जिंदगी बेहतर हो जाए.

तो फिर इतंजार किस बात का. क्विंट और Ketto के पार्टनर बनिए और करिए इस दीपावली किसी की जिंदगी रोशन. #SpreadTheLight.

श्वेता ने पोलियो से दोनों पैर गंवाए. अब अकेली दो बेटों की देखभाल कर रही है, पर देश के लिए गोल्ड मेडल जीतना सपना है. 

हम श्वेता के लिए फंड क्यों जमा कर रहे हैं?


श्वेता के दोनों पैर पोलियो ने बेकार कर दिए, लेकिन उनके हौसले को तोड़ना नामुमकिन था. खेलने के दौरान उन्होंने कभी भी अपने पैरों को अपनी कमजोरी नहीं बनने दिया. ये उभरती स्टार जैवलीन फेंकने में चैंपियन है. शॉट पुट और वेटलिफ्टिंग की स्टार है. पिछले साल 16वें नेशनल पैरा एथलीट चैंपियनशिप में श्वेता ने शॉटपुट में गोल्ड, और जैवलीन में सिल्वर जीता था. वो कर्नाटक में पावरलिफ्टिंग में सिल्वर भी जीत चुकी है.

लेकिन अफसोस आर्थिक तंगी की वजह से 32 साल की श्वेता को ट्रेनिंग में खासी दिक्कत आ रही है. फिलहाल वो दीपा मलिक के वीडियो देखकर ही ट्रेनिंग ले रही हैं, उनके पास कोच नहीं है.थोड़ी बहुत मदद पास के जिम के ट्रेनर करते हैं.

श्वेती की आर्थिक हालत इतनी खराब है कि वो खुद के लिए व्हीलचेयर नहीं खरीद पा रही हैं. दीपा मलिक ने श्वेता तो ये व्हीलचेयर दी थी ताकि वो अपनी ट्रेनिंग कर सकें. श्वेता पति से अलग रहती हैं और दो बच्चों को अकेले संभालती हैं. साथ ही बुजुर्ग माता-पिता की भी देखभाल करती हैं.

दीपा मलिक की तरह ही वो भारत का नाम दुनिया में ऊंचा करना चाहती हैं.

फंड का इस्तेमाल कैसे होगा?

द क्विंट को श्वेता की मदद के लिए 5 लाख का फंड जमा करना है. इन पैसों से वो देश से बाहर टूर्नामेंट्स में भाग लेने जा सकेंगी और देश का नाम रोशन कर सकेंगी. ये पैसे उनकी ट्रेनिंग के लिए है, उनकी डाइट के लिए है और उनके मेडिकल और स्पोर्ट्स के सामान के लिए.

श्वेता सिर्फ एक पैरा- एथलीट नहीं एक सिंगल मदर भी हैं. इसलिए उन्हें हमारी मदद की जरुरत है.

तो फिर इस दीपावली, अपने हिस्से की थोड़ी खुशी बांटिए, श्वेता की जिंदगी में रोशनी लाइए, देश की इस होनहार खिलाड़ी की मदद कीजिए.

Producer: त्रिदीप के मंडल और वत्सला सिंह

Edited: पुनीत भाटिया

Cameraman: अभय शर्मा

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