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ये इशारों की भाषा में बोलते हैं सबके नाम, चाहे मोदी हो या केजरीवाल

भारत में 6 करोड़ से ज्यादा लोग सुन-बोल नहीं पाते हैं. इनमें से कुछ ही लोग हैं जो संकेत की भाषा बोल सकते हैं

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भारत में 6 करोड़ से ज्यादा लोग सुन-बोल नहीं पाते हैं. इनमें से कुछ ही लोग हैं, जो संकेत की भाषा बोल सकते हैं और उससे भी कम इसे समझ सकते हैं. इसकी वजह से इन लोगों के साथ संवाद करना काफी मुश्किल हो जाता है.

इस स्वतंत्रता दिवस पर द क्विंट ने नोएडा डेफ सोसायटी के छात्रों से मुलाकात की, ताकि इन लोगों को अपनी बात रखने का एक मंच दिया जा सके.

कैमरा: अभय शर्मा

वीडियो एडिटर: राहुल सांपुई

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[क्‍या आप अपनी मातृभाषा से प्‍यार करते हैं? इस स्‍वतंत्रता दिवस पर द क्‍व‍िंट को बताएं कि आप अपनी भाषा से क्‍यों और किस तरह प्‍यार करते हैं. आप जीत सकते हैं BOL टी-शर्ट. आपको अपनी भाषा में गाने, लिखने या कविता सुनाने का मौका मिल रहा है. अपने BOL को bol@thequint.com पर भेजें या 9910181818 नंबर पर WhatsApp करें.]

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