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तमिलनाडु में तीन छात्राओं की खुदकुशी से गरमाया NEET मामला

स्टालिन ने मोदी सरकार पर लगाया तमिलनाडु में खुदकुशी के बढ़ते मामलों पर चुप्पी साधने का आरोप

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कैमरा: सुधाकर
वीडियो प्रोड्यूसर: स्मिटा टी के
वीडियो एडिटर: पुर्नेंदु प्रीतम

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तमिलनाडु का NEET के विरोध का एक लंबा इतिहास रहा है. रिजल्ट घोषित होने के बाद इस साल तीन छात्राओं तिरुपुर की रितुश्री, पत्तुकोत्तई की वैशिया और विल्लुपुरम की मोनिषा ने खुदकुशी कर ली.

रितुश्री और वैशिया को 12वीं में 90% से ज्यादा मार्क्स मिले थे. मोनिषा ने एक साल तैयारी की थी  लेकिन वो परीक्षा पास नहीं कर सकी.

मैंने NEET परीक्षा का रिजल्ट जानने के लिए 4 बजे शाम में अपनी बेटी को फोन किया. लेकिन उसने मेरा फोन नहीं उठाया.  
सेल्वाराज, रितुश्री के पिता

रितुश्री के चाचा नंदगोपालन के मुताबिक, “रितुश्री ने रिजल्ट चेक करने के बाद ये कदम उठाया. उसके मम्मी और पापा काम से बाहर गए थे. पड़ोसियों ने लगातार फोन की आवाज आने के बाद शक होने पर दरवाजा खटखटाया. किसी के जवाब नहीं देने पर दरवाजा तोड़ा गया, जिसके बाद उसके मम्मी पापा को इस बात की जानकारी दी गई.”

तमिलनाडु में विपक्ष के नेता एमके स्टालिन ने मामले को विधानसभा में उठाने की बात कही. उन्होंने मोदी सरकार पर तमिलनाडु में खुदकुशी के बढ़ते मामले पर चुप्पी साधने का आरोप लगाया.

वहीं एआईएडीएमके मंत्री जयकुमार ने कहा कि बच्चों के माता-पिता पर है कि वे कैसे बच्चों पर से रिजल्ट का दबाव हटाएं.

अगर आप पहली बार फेल कर गए. कोई कानून आपको दोबारा परीक्षा में बैठने से नहीं रोकता. माता-पिता को बच्चों पर भरोसा करना चाहिए.  
जयकुमार, मछली पालन मंत्री, तमिलनाडु

बीजेपी ने स्टालिन के बयान की निंदा की और कहा कि राज्य सुप्रीम कोर्ट के आदेश की अवहेलना नहीं कर सकता.

तमिलनाडु में NEET को लेकर बहुत राजनीति हो रही है. स्टालिन NEET को हटाने की बात कर रहे हैं. लेकिन जब सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया है तो ये कैसे हो सकता है.
तमिलिसाई सौंदराजन, बीजेपी अध्यक्ष, तमिलनाडु

सौंदराजन का कहना है कि विपक्षी पार्टियां इसका नेगेटिव असर ही बता रही हैं इसलिए छात्र तनाव में आ रहे हैं.

लेकिन आंकड़ो की बात की जाए तो राज्य में NEET के रिजल्ट में सुधार आया है. परीक्षा में शामिल होने वाले 48.57% छात्र इस बार सफल हुए हैं. जबकी 2018 में 39.56% छात्रों ने परीक्षा पास की थी.

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