इंदौर नगर निगम के एक अधिकारी को क्रिकेट बैट से पीटने के मामले में गिरफ्तार बीजेपी विधायक आकाश विजयवर्गीय जेल से रिहा हो गए हैं. इस मामले में उन्हें 26 जून को गिरफ्तार किया गया था. इसके बाद 29 जून को भोपाल के स्पेशल कोर्ट से उन्हें इस मामले में जमानत मिल गई. कोर्ट ने उन्हें बिना अनुमति के प्रदर्शन करने के एक दूसरे मामले में भी जमानत दे दी थी.
रिहा होने के बाद आकाश ने कहा, ''जब एक महिला को पुलिस के सामने ही घसीटा जा रहा था, मैं कुछ और करने की नहीं सोच सका. मैंने जो किया उसके लिए मैं शर्मिंदा नहीं हूं. मगर मैं भगवान से प्रार्थना करता हूं कि वो दोबारा बल्लेबाजी करने का अवसर न दे.''
आकाश के रिहा होने के बाद उनके इंदौर स्थित ऑफिस के बाहर जमकर जश्न मनाया गया. इस दौरान खुलेआम फायरिंग भी की गई.
आकाश बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय के बेटे हैं. वह नवंबर 2018 में हुए विधानसभा चुनाव में इंदौर-3 विधानसभा सीट से जीतकर पहली बार विधायक बने हैं. नगर निगम अधिकारी की पिटाई करने के मामले में आकाश को 50,000 रुपये के मुचलके पर जमानत मिली है.
इसके अलावा बिना अनुमति के प्रदर्शन करने के एक मामले में आकाश को 20,000 रुपये के मुचलके पर जमानत दी गई है. आकाश के वकील पुष्यमित्र भार्गव के मुताबिक, उन्होंने कोर्ट में दलील दी थी- ‘’आकाश विजयवर्गीय निर्दोष हैं. पुलिस ने उनकी छवि खराब करने के लिए उन्हें झूठा फंसाया है और उनका अपराधों से कोई लेना-देना नहीं है.’’
आकाश की जमानत याचिका का विरोध करते हुए जिला लोक अभियोजक अधिकारी राजेंद्र उपाध्याय ने दलील दी थी कि आकाश ने सोची समझी रणनीति के तहत यह काम किया था.
उन्होंने कहा था, ‘’आकाश ने सरकारी काम में बाधा पहुंचाई है. वह लोकसेवक हैं. उन्हें जनता ने कानून बनाने के लिए चुना है, न कि कानून तोड़ने के लिए. उन्होंने सार्वजनिक स्थान पर अधिकारी के साथ मारपीट की है. अगर उन्हें जमानत दी जाती है तो इससे समाज और देश में गलत संदेश जाएगा.’’
इससे पहले इंदौर के अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश ने आकाश विजयवर्गीय की जमानत याचिका गुरुवार को खारिज कर दी थी. उन्होंने कहा था कि आकाश इस मामले में प्रदेश के सांसदों और विधायकों के मामलों की सुनवाई के लिए निर्धारित किए गए भोपाल के स्पेशल कोर्ट में अपील करें.
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