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नागरिकता कानून का विरोध: जामिया के बाद AMU में क्यों हुआ बवाल?

छात्रों का आरोप है कि पुलिस ने प्रदर्शन कर रहे छात्रों पर आंसू गैस के गोले दागे और लाठीचार्ज किया.

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वीडियो एडिटर- विवेक गुप्ता

प्रोड्यूसर- मौसमी सिंह

15 दिसंबर को जामिया मिल्लिया इस्लामिया में नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान एक छात्र की मौत की अफवाह फैलती है जिसके बाद अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी में भी प्रदर्शन उग्र हो जाता है. छात्रों के प्रदर्शन को देखते हुए यूनिवर्सिटी प्रशासन ने कैंपस में पुलिस को आने के लिए कहती है. छात्रों का आरोप है कि पुलिस ने प्रदर्शन कर रहे छात्रों पर आंसू गैस के गोले दागे और लाठीचार्ज किया.

“हॉस्टल रूम में पुलिस ने दागे आंसू गैस के गोले”

छात्रों का आरोप है कि पुलिस ने हॉस्टल में घुसकर छात्रों पर लाठीचार्ज किया और आंसू गैस के गोले दागे. आरोप है कि इस कार्रवाई में यूनिवर्सिटी के करीब 50 छात्र घायल हुए हैं. जिनमें चार छात्रों को जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया है.

एक छात्र के हाथ में आंसू गैस का गोला फटने की वजह से वो गंभीर रूप से घायल हो गया है. डॉक्टरों के मुताबिक उस छात्र का हाथ काटना पड़ सकता है.

छात्रों के समर्थन में आए टीचर

इस घटना के बाद अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के शिक्षकों ने यूनिवर्सिटी के वीसी और रजिस्ट्रार के खिलाफ एक साइलेंट प्रोटेस्ट मार्च निकाला. शिक्षकों का कहना है कि वीसी और रजिस्ट्रार ने ही पुलिस को कैंपस में आने की इजाजत दी. जिसके बाद पुलिस ने छात्रों पर इस तरह की बर्बर कार्रवाई की.

हालात को देखते हुए यूनिवर्सिटी प्रशासन ने छात्रों की 23 दिसंबर को होने वाली छुट्टी 16 दिसंबर से ही कर दी है. छात्रों की परीक्षाएं बीच में ही रोक दी गईं. फिलहाल यूनिवर्सिटी 5 जनवरी तक के लिए बंद कर दिया गया है. जिसके बाद छात्र अपने घरों को लौटने लगे हैं.

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