सीआरपीएफ के हेड कॉन्स्टेबल खुर्शीद अहमद को अतंकी हमले में 8 गोलियां लगीं थीं. 25 जून 2017 में अतंकियों ने सीआरपीएफ जवानों पर हमला किया था. इस हमले में 8 जवानों की मौत हो गई थी और 22 जवान घायल हो गए थे. गंभीर रूप से घायल अहमद 2 महीने तक आईसीयू में भर्ती रहे उसके बाद उन्हें एम्स के ट्रॉमा सेंटर में शिफ्ट कर दिया गया, जहां उनकी तबीयत में सुधार होने लगा. वो अब एक बार फिर से देश की सेवा के लिए काम पर लौटने को हैं तैयार.
क्विंट हिंदी ने खुर्शीद अहमद से उस दौरान बात की थी, जब वो अस्पताल में भर्ती थे. रिपोर्टर ने उनसे जब सवाल किए, तो उन्होंने उस वक्त भी बेखौफ होकर सवालों के जवाब दिए थे.
रिपोर्टर: ठीक हो जाएंगे तो ड्यूटी पर वापस जाएंगे?
अहमद: बिल्कुल मैम, क्यों नहीं?
रिपोर्टर: इस हादसे के बाद मन में कोई डर?
अहमद: नहीं, मैं गोलियों से नहीं डरता
क्विंट को दिए एक इंटरव्यू में अहमद ने कहा था कि डॉक्टरों ने उनसे कहा है कि अब वो कभी अपने पैरों पर खड़े नहीं हो सकेंगे. लेकिन उन्होंने हौसला नहीं हारा और आज वो चल फिर सकते हैं. अहमद अब श्रीनगर के ऑफिस में ड्यूटी करते हैं और अपने साथियों के कागज, और ट्रांसफर जैसे काम संभालते हैं. अहमद ने ये भी बताया कि उन्हें उनके इलाज के लिए राज्य सरकार से किसी भी तरह की कोई मदद नहीं मिली है.अपने अनुभव से अहमद बताते हैं-
सीआरपीएफ के लिए एयर एम्बुलेंस से जवानों की जिंदगी बच सकती है. हमें अगर एयर एम्बुलेंस मिल जाए. तो सबसे अच्छा होगा क्योंकि वो एम्बुलेंस हमारे जवान को उठाएंगी और तुरंत एम्स या किसी नजदीकी अस्पताल में ले जाएंगी.
अहमद के परिवार ने दोबारा ड्यूटी ज्वॉइन करने पर उनका समर्थन किया है. अहमद अपने परिवार का शुक्रिया करते नहीं थक रहे हैं, जिन्होंने उनका इतना साथ दिया.
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