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दिल्ली: नर्सरी में प्रवेश ना देने के सरकारी ऐलान से नाराज पेरेंट्स

क्या दिल्ली सरकार को नर्सरी एडमिशन रद्द कर देने कि फैसले पर पेरेंट्स राय  

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वीडियो एडिटर: पुनीत भाटिया

'नर्सरी एडमिशन अगले साल होने हैं, चाहे वैक्सीन आए या न आए' ये कहना है दिल्ली में रहने वाले एक अभिभावक लुभांशी बजाज का.

बता दें दिल्ली सरकार ने 2022 तक नर्सरी एडमिशन को रद्द करने का फैसला लिया है. सरकार ने बच्चों को अगले साल में नर्सरी न जाने पर भी केजी में प्रमोटेड करने का अभिभावकों से वायदा किया है.

लेकिन कई पेरेंट्स अगले साल अपने बच्चों को नर्सरी में दाखिला दिलाने के इंतजार में है. लुभांशी बजाज को चिंता है कि अगर सरकार के फैसले के मुताबिक चीजें होती हैं, तो उनकी बेटी का एक साल खराब हो जाएगा.

ऑनलॉइन क्लास में बैठने को लेकर हो रही मानसिक परेशानी को देखते हुए दिल्ली सरकार ने फैसला लिया है कि बच्चे 2022 में किंडरगार्टेन में सीधे एडमिशन ले सकते हैं. लेकिन क्या यह समझदारी वाला फैसला है?
लुभांशी बजाज, अभिभावक
उन्हें ऐसी क्लास में शामिल होने के लिए स्कूल में एडमिशन लेना बहुत जरूरी है, जिसमें वे देख सकते हैं कि उनके साथ के बच्चे ग्रुप में शामिल हो रहे हैं, उसी उम्र के बच्चे बातचीत कर रहे हैं. कक्षाओं में टीचर के साथ बच्चे नई चीजें सीखते हैं. भले ही वे ऑनलाइन क्लास क्यों ना हों.
लिपि अनेजा, अभिभावक

सरकार को अभी इस प्रस्ताव पर प्राइवेट स्कूलों से बात करनी है. लेकिन प्राइवेट स्कूल भी इसके खिलाफ हैं. मॉडर्न पब्लिक स्कूल की प्रिंसिपल अलका कपूर का कहना है, "अगर वैक्सीन के कारण स्थिति सामान्य होने लगती है और जून या जुलाई तक चीजें सुचारू हो जाती हैं, तो छात्रों को अपने हित में एक फॉर्मल एजुकेशन सिस्टम, एक फॉर्मल स्कूल और एक व्यवस्थित करिकुलम की जरूरत होगी. इसलिए मेरा मानना है कि शिक्षा मंत्री को प्रवेश प्रक्रिया रद्द करने से पहले इन सभी बातों को ध्यान में रखना चाहिए."

एक और अभिभावक सीमा सयाल का कहना है कि जब 2020 के नर्सरी के बच्चों को ऑनलाइन पढ़ाया गया है, तो 2021 में दाखिला लेने वाले बच्चों का एक साल खराब क्यों हो?

सयाल कहती हैं, 'टेक्नोलॉजी से भारी दुनिया है, हर बच्चे को कई तरह के गेजेट्स चलाना आता है, लेकिन इसके बावजूद सरकार बच्चों को एक साल का इंतजार करने या स्किप करने का ऑप्शन कैसे दे सकती है?'

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