ADVERTISEMENTREMOVE AD

महाराष्ट्र: आसमान से बरस रही आग, फडणवीस सरकार के लिए अग्निपरीक्षा 

सूखे से निपटने के लिए खुद मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने संभाली कमान

Updated
छोटा
मध्यम
बड़ा

वीडियो एडिटर: विशाल कुमार

ADVERTISEMENTREMOVE AD

मराठवाड़ा और विदर्भ एक बार फिर बूंद-बूंद को तरस रहे हैं. महाराष्ट्र आधी सदी के सबसे बड़े संकट का सामना कर रहा है. इससे निपटने के लिए मोर्चा संभाला है खुद मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने. वो सूखाग्रस्त इलाकों का दौरा कर रहे हैं, अफसरों को हिदायत दे रहे हैं. अब तक 884 सरपंचों से फोन पर बात कर चुके हैं.

राज्य में 151 तहसीलों को सूखा ग्रस्त घोषित किया जा चुका है.

  • लोगों की सहूलियत को ध्यान में रखते हुए, सरकार ने बैंक लोन वसूली पर रोक लगा दी है. किसानों का करेंट बिजली बिल माफ किया गया है.
  • किसानों को लोन मिले, इसकी भी ताकीद की जा रही है.
  • कॉलेजों में फीस माफ की गई है.
  • सरकारी बसों में किराए पर छूट भी दी गई है.
  • चेक डैम और सड़कें बनाने का काम कराकर, सरकार किसानों को गांव में ही रोजगार देने की भी कोशिश कर रही है.

सूखे में जानवरों की हालत और खराब हो जाती है. और गांव की गाड़ी ये मवेशी ही खींचते हैं. इसलिए ये अलग संकट है. लिहाजा सरकार ने 1234 चारा कैंप लगाए हैं. इससे करीब साढ़े आठ लाख मवेशियों को राहत मिलने की उम्मीद है.

लेकिन ये 1971 के बाद का सबसे भयंकर सूखा है. 1-2 या 5-10 हजार नहीं, साढ़े 27 हजार गांव पानी को तरस रहे हैं. 86 लाख हेक्टेयर जमीन पर फसल बर्बाद हो चुकी है. पिछले साल 70% कम बारिश, और इस साल भी मॉनसून लेट है. सरकार से लोगों की उम्मीदें बड़ी हैं.

गांवों तक पानी पहुंचाने के लिए करीब 5 हजार टैंकर लगाए गए हैं. वैसे महाराष्ट्र सरकार को केंद्र में भी बीजेपी की सरकार होने का फायदा मिला है. केंद्र से करीब 5 हजार करोड़ की मदद मिली है. किसानों के खातों तक ये पैसा पहुंचने पर उन्हें बड़ी राहत मिलेगी. कोई ताज्जुब नहीं कि सीएम ऑफिस का जो हेल्पलाइन नंबर दिया गया है उसपर करीब ढाई हजार शिकायतें आ चुकी हैं.

ADVERTISEMENTREMOVE AD

एक बात और है, महाराष्ट्र में सूखा अब हर साल की समस्या है, ऐसे में प्यास लगने पर कुआं खोदने की आदत से बचना होगा और  कुछ लॉन्ग टर्म उपाय निकालने होंगे. जैसे कम पानी वाली फसलों को बढ़ावा. पानी का लोकल स्तर पर सरंक्षण. जलयुक्त शिवार योजना जैसे फ्लेक्सी योजनाओं का विस्तार.

लोकसभा चुनावों में महाराष्ट्र की जनता ने बीजेपी-शिवसेना पर पूरा भरोसा जताया है. ऐसे में अब बारी है इनकी सरकार की है कि वो जनता का कर्ज चुकाए. आसमान से आग बरस रही है लेकिन जनता से ज्यादा अग्निपरीक्षा सरकार की है.

(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)

Published: 
सत्ता से सच बोलने के लिए आप जैसे सहयोगियों की जरूरत होती है
मेंबर बनें
×
×