ADVERTISEMENTREMOVE AD

अतिथि देवो भव: विदेशी मेहमानों की सुरक्षा आज भी बड़ा सवाल है

संस्कृत में लिखे ‘अतिथि देवो भव’ का मतलब होता है ‘अतिथि भगवान के समान है’

छोटा
मध्यम
बड़ा
ADVERTISEMENTREMOVE AD

नवंबर के महीने में हंदल का प्लेन दिल्ली एयरपोर्ट पर लैंड होता है. जैसे ही वो एयरपोर्ट से बाहर निकलती है, उसकी नजर बाहर लगे बड़े-बड़े होर्डिंग पर पड़ी, जिसमें 'अतिथि देवो भव' लिखा था. भारत घूमने आई हंदल की जिज्ञासा ने उसे इसका मतलब जानने पर मजबूर कर दिया. संस्कृत में लिखे 'अतिथि देवो भव' का मतलब जल्द ही हंदल ने ढूंढ निकाला, जिसका मतलब था 'अतिथि भगवान के समान है'.

21 साल की टूरिस्ट हंदल इजराइल से है. भारत घूमने का एक्साइटमेंट हंदल के चहरे पर साफ देखा जा सकता था. उसने पहाड़गंज एरिया में एक होटल बुक किया था, जो कि आमतौर पर फॉरेन टूरिस्ट के रुकने का ठिकाना माना जाता है. हंदल जैसे ही वहां के मेन बजार पहुंची, उसे महसूस हुआ कि किसी ने उसकी पीठ पर हाथ रखा है. जब तक वो ये समझ पाती कि उसके साथ छेड़खानी हुई है, तब तक बाइक सवार लड़के भीड़ में कहीं गुम हो जाते हैं.

हंदल पहली ऐसी टूरिस्ट नहीं है, जिसके साथ ऐसा हादसा हुआ है. भारत घूमने आए हर दूसरे टूरिस्ट से अगर बात की जाए, तो वो इससे कहीं बड़ी समस्याएं बताते हैं. कैसे इन टूरिस्ट से फॉरेनर टैक्स के नाम पर पैसा वसूला जाता है, टैक्सी ड्राइवर मनमानी पैसा वसूलते हैं.

ऐसे कई मामले हैं, जहां इन टूरिस्ट के साथ बदसलूकी होती है. देखिए ऐसे ही कुछ टूरिस्ट की कहानियां, जो भारत घूमने आ तो गए, लेकिन उनकी सुरक्षा आज भी संदेह के घेरे में नजर आती है.

प्रॉड्यूसर: एंथनी रोजारियो
वीडियो एडिटर: पूर्णेंदु प्रीतम

(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)

सत्ता से सच बोलने के लिए आप जैसे सहयोगियों की जरूरत होती है
मेंबर बनें
अधिक पढ़ें
×
×