ADVERTISEMENTREMOVE AD

बुराड़ी कांड:न सुसाइ़ड न अंधविश्वास फिर भी अनसुलझा क्यों है रहस्य?

दिल्ली के बुराड़ी में एक ही परिवार के 11 लोगों की मौत की मिस्ट्री उलझती जा रही है

Published
छोटा
मध्यम
बड़ा

वीडियो एडिटर: पूर्णेंदु प्रीतम

ADVERTISEMENTREMOVE AD

दिल्ली के बुराड़ी में एक ही परिवार के 11 लोगों की मौत की मिस्ट्री उलझती जा रही है. हर दिन नए खुलासे हो रहे हैं. परिवार वालों ने पुलिस की सुसाइड की थ्योरी को गलत बताया है.

क्विंट ने परिवार के एक मात्र बचे लड़के दिनेश चुंडावत से बात की, जो अब राजस्थान के चितौड़गढ़ में रहते हैं. उनके मुताबिक, पुलिस सिर्फ जांच जारी रहने की बात कह रही है.

'न सुसाइड, न अंधविश्वास'

दिनेश का कहना है कि वो इसे न तो सुसाइड मानते हैं और न ही अंधविश्वास

मैं इसे सुसाइड नहीं मान रहा हूं, इसमें कोई तीसरा शख्स शामिल है. कौन है वो, ये बात हमें नहीं पता है.
दिनेश चुंडावत

'तांत्रिक की बात कभी नहीं सुनी'

दिनश ने बताया कि उन्होंने कभी भी परिवार के किसी भी सदस्य से किसी तांत्रिक के बारे में नहीं सुना. दिनेश ने कहा कि इस बारे में उन्होंने पड़ोसियों से भी बात की लेकिन किसी ने कभी ऐसा नहीं देखा था.

'ललित की डायरी से छेड़छाड़'

दिनेश के मुताबिक पुलिस ने उन्हें डायरी दिखाई थी. उसमें जो हैंडराइटिंग है वो ललित की नहीं है, क्योंकि वो काफी खराब तरीके से लिखते थे.

डायरी में ललित की हैंडराइटिंग नहीं है. हम दूसरे बच्चों की हैंडराइटिंग नहीं जानते हैं. मैंने पुलिस से कहा है कि वो दूसरे बच्चों की कॉपियां ले जाएं और हैंडराइटिंग मिलाएं. मैं चाहूंगा कि जल्दी से जल्दी से सुलझे.
दिनेश चुंडावत

11 पाइपों का होना क्या इत्तेफाक है?

दिनेश के मुताबिक, उन्होंने ने ही ललित को पाइप लगाने की सलाह दी थी क्योंकि वहां वेंटिलेशन की जरूरत थी.

मैं खुद एक सिविल कॉन्ट्रैक्टर हूं और ये राय मेरी ही थी क्योंकि घर में वेंटिलेशन बिलकुल नहीं था. मैंने ही कहा था कि वहां खिड़की तो रख नहीं सकते हैं क्योंकि वहां प्लॉट है तो मैंने ही उसे राय दी थी कि दीवार में छेद होने चाहिए. ललित ने मजदूर को बोल दिया था. जहां-जहां तक उसके हाथ पहुंचे, उसने पाइप लगा दिए.उस समय न तो मजदूर ने पाइप को गिना होगा और न ही ललित ने गिने होंगे.
दिनेश चुंडावत, मृतक ललित के भाई

दिनेश ने आरोप लगाया कि ललित को लेकर मीडिया ने गलत रिपोर्टिंग की. उन्होंने कहा, "हम भाइयों में ललित सबसे ज्यादा समझदार था."

उन्होंने कहा कि परिवार में ऐसी कोई बात नहीं थी. वो खुद दिल्ली में उनके साथ रहकर आए थे.

(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)

सत्ता से सच बोलने के लिए आप जैसे सहयोगियों की जरूरत होती है
मेंबर बनें
अधिक पढ़ें
×
×