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इंतजार की इंतेहा: छुटकी के आरोपी को सजा कब?

28 जनवरी, 2018 को 8 महीने की छुटकी के साथ उसके चचेरे भाई ने रेप किया 

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वीडियो एडिटर: कुणाल मेहरा

कैमरापर्सन: नितिन चोपड़ा

एक साल और एक महीना. इतने लंबे समय से सुरेश* और गीता* ने घर से निकलकर खुली हवा में सांस नहीं ली. गीता जब कोलकाता से पहली बार उत्तरी दिल्ली की चॉल में अपने घर आई थीं, तो ये बड़ा परिवार उनके लिए एक वरदान की तरह था, लेकिन 28 जनवरी, 2018 की उस सुबह के बाद नहीं.

काम से लौटने के बाद गीता ने जब अपनी 8 महीने की बेटी के रोने की आवाज सुनी, तो वो दौड़ी-दौड़ी उसके पास गई और देखा कि वो खून से लथपथ पड़ी है. उसने अपने पति के भतीजे सूरज को आवाज लगाई, जो इस कपल के घर के ऊपर ही रहता था.

सूरज भड़क गया था; गीता ने बताया, "उसने 'घबराते हुए, अपनी पत्नी को कई बार फोन करने की कोशिश की और फिर ऊपर भाग गया."

8 महीने की मासूम बच्ची का उसके अपने चचेरे भाई (सूरज) ने रेप किया था. मामले में एफआईआर फाइल हुई, सूरज ने पुलिस के सामने कबूल किया कि उसने शराब के नशे में ऐसा किया.

नन्ही बच्ची को ‘छुटकी’ का नाम देकर क्विंट तभी से उसकी कहानी दिखा रहा है. क्विंट ने उसके इलाज और भविष्य में पढ़ाई के लिए एक क्राउडफंडिंग कैंपेन भी शुरू किया है.

इस हादसे के बाद से इस कपल की जिंदगी एकदम उलट गई है. दोनों ये घर छोड़ने में नाकाम हैं, जिसमें उनकी बेटी के साथ ये हादसा हुआ था. वो सुरेश के दो भाइयों से बिल्कुल बात नहीं करते, जो उसी घर में दूसरे फ्लोर पर रहते हैं.

उन्होंने कभी सूरज को कुछ नहीं कहा. उन्होंने उस दिन मुझे घर पर मौजूद नहीं होने के लिए कहा, जैसे रेप मेरी वजह से हुआ था.
गीता

सुरेश को ऐसी कोई बात सुनने को नहीं मिली.

छुटकी को यहां बड़ा नहीं करना चाहते


हम चाहते हैं कि उसे सजा मिले. हम अपनी बेटियों के साथ यहां से चले जाना चाहते हैं. हम नहीं चाहते कि वो यहां, इन यादों के बीच बड़े हों. इन लोगों के बीच जो उनकी कहानी जानते हैं और उन्हें शायद बता भी दें.
सुरेश

छुटकी अब दो साल की होने वाली है. उसके माता-पिता यही उम्मीद कर रहे हैं कि उसे अपनी कहानी पता चलने से पहले इंसाफ मिल सके.

(*पहचान छुपाने के लिए नाम बदले गए हैं)

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