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ओलंपिक गोल्ड विजेता बलबीर सिंह की कहानी, उन्हीं की जुबानी

हॉकी के महान खिलाड़ी बलबीर सिंह ने द क्विंट से की थी थी खास बातचीत की

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ओलंपिक स्वर्ण पदक विजेता बलबीर सिंह सीनियर का पंजाब के मोहाली के एक अस्पताल में निधन हो गया है. 2018 में अक्षय कुमार की एक फिल्म आई थी ‘गोल्ड’.ये फिल्म ओलंपिक में भारत को पहला गोल्ड दिलाने वाली हॉकी टीम के स्टार प्लेयर बलबीर सिंह की कहानी पर बनी थी.. साल 1948 लंदन ओलंपिक में बलबीर सिंह ने सबसे ज्यादा हॉकी गोल का रिकॉर्ड अपने नाम किया.

2018 में हॉकी के इस महान खिलाड़ी बलबीर सिंह ने द क्विंट से खास बातचीत की थी. आज उनको याद करते हुए हम उनका पुराना वीडियो एक बार फिर शेयर कर रहे हैं.

जब हमारा तिरंगा लहराया, तो मुझे अपने पिता की याद आ गई. वो कहते थे कि एक दिन भारत आजाद होगा. एक दिन अपनी सरकार होगी, अपना झंडा होगा. मुझे ऐसा लग रहा था कि अपने तिरंगे के साथ मैं भी उड़ रहा हूं
बलबीर सिंह, हॉकी प्लेयर

बता दें, फिल्म गोल्ड में सनी कौशल ने बलबीर सिंह की भूमिका निभाई थी बलबीर सिंह ने माना कि फिल्म में बिलकुल सच दिखाया गया है. कुछ बड़े मैचों में उन्हें नहीं खिलाया गया था.

बलबीर सिंह ने बताया था कि पहले मैच में उन्हें मौका नहीं मिला था. अर्जेंटीना के खिलाफ दूसरे मैच में उन्हें खेलने का मौका मिला. वह मैच 9-1 से जीता था. 6 गोल उन्होंने किए थे. इसके बाद किसी मैच में जगह मिली और किसी में नहीं. सेमीफाइनल में उन्हें खेलने का मौका नहीं मिला था.

भारत की बड़ी मुश्किल से जीत हुई. फिर हम फाइनल में थे. ब्रिटेन के सामने ऐसा पहली बार हो रहा था.
बलबीर सिंह, हॉकी प्लेयर

खास बात ये है कि 70 साल बाद भी बलबीर सिंह को मैच का हर एक गोल याद है. उन्होंने मैच में 2 गोल किए थे. भारत 4-0 से जीता था.

मैच वेंबले स्टेडियम में खेला गया. 7वें मिनट में हमने पहला गोल दागा. 15वें मिनट में दूसरा दर्शक गैलरी में बैठे कुछ लोगों ने कहना शुरू कर दिया. शाबाश इंडिया शाबाश. जब हमने चौथा गोल किया तो कुछ अंग्रेजों ने भी कहना शुरू कर दिया. कम से कम आधा दर्जन गोल तो होने चाहिए.
बलबीर सिंह, हॉकी प्लेयर

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